‘भाजपा के हाथ खून से रंगे होने की बात कहने वाले स्वयं भाजपा में चले गए’, सिंधिया पर जमकर बरसी पूर्व विधायक

Tuesday, Sep 23, 2025-08:55 PM (IST)

गुना (मिस्बाह नूर) : मध्य प्रदेश के गुना में बन पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना के तहत गुना जिले की चांचौड़ा तहसील में घाटाखेड़ी पर बन रहे बांध का जमकर विरोध हो रहा है। इस बांध से आस-पास के लगभग 60-70 गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। इसी के विरोध में आज हजारों किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे। हालांकि कलेक्ट्रेट जा रहे किसानों को दशहरा मैदान पर ही राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह, बमौरी विधायक इंजी. ऋषि अग्रवाल, चांचौड़ा की पूर्व विधायक ममता मीना ने संबोधित किया।

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डूब में आ रहे 80 से 100 गांवों का क्या होगा -ममता

प्रदर्शन में चांचौड़ा क्षेत्र से ही किसानों के साथ आई पूर्व विधायक ममता मीना ने मध्यप्रदेश सरकार के साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, चांचौड़ा विधायक प्रियंका मीना और राजगढ़ सांसद रोडमल नागर भी निशाना साधा। मीना ने कहा कि यह किसानों का आंदोलन है, इसमें ज्योतिरादित्य को भी शामिल होना चाहिए था। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि मंदसौर में 7 किसानों की हत्या के बाद भाजपा के हाथ खून से रंगे होने की बात कहने वाले ही स्वयं भाजपा में चले गए। ममता मीना ने दावा किया कि परियोजना के तहत 80 से 100 गांवों को डुबा देने की बात सामने आ रही है। हम चाहते हैं कि प्रशासन दो छोटे-छोटे बांध बनाए, जिससे चांचौड़ा विधायनसभा पूरी सिंचित हो सकती है। वहीं राजस्थान के 17, राघौगढ़ के 15 और ब्यावरा के भी दर्जनों गांवों को लाभ मिलेगा।

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एसडीएम ने किसानों को जेल डालने की धमकी दी - ममता

ममता मीना ने चांचौड़ा एसडीएम पर आरोप लगाया कि उन्होंने 9 सितंबर को सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ घाटाखेड़ी का दौरा किया था और किसानों के साथ ही स्थानीय सरपंचों को धारा 40 के तहत कार्रवाई कर जेल भेजने की बात कही थी। मीना ने दावा किया कि एसडीएम ने किसानों से कहा था कि वे लोग पकौड़े तलने के लिए मजबूर होंगे।

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जगह जगह शिविर लगाकर दूर करेंगे भ्रम - कलेक्टर

दशहरा मैदान पर आक्रोश व्यक्त करने के बाद किसानों का काफिला, जयवर्धन, ऋषि अग्रवाल और ममता मीना सहित पूर्व आईपीएस अधिकारी रघुवीर मीना के साथ कलेक्टेट पहुंचा। कलेक्टर ने ज्ञापन लेने के बाद बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारी जगह-जगह शिविर लगाकर भ्रम को दूर करेंगे।

पीकेसी परियोजना उन गांवों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी जो पार्वती नदी से 50 किलोमीटर दूर स्थित हैं और पानी के लिए तरस रहे थे। इतना सुनते ही किसान भड़क गए और नारेबाजी होने लगी। आमतौर पर शांत रहने वाले कलेक्टर को भी तेज आवाज में किसानों से कहना पड़ा कि मेरी बात सुन लीजिए। इस पर भीड़ में शामिल लोगों ने कहा कि वे सुनने के लिए ही आए हैं। लेकिन हंगामा जारी रहा। जिस पर कलेक्टर ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून व्वस्था को हाथ में न ले, इसकी रिकॉर्ड हो रही है। अधिकारी भी लोकतांत्रिक तरीके से बात कहेंगे, आप भी लोकतांत्रिक तरीके से ही बात करें। इस आंदोलन के बाद चांचौड़ा क्षेत्र के किसान अब भोपाल जाने की रणनीति बना रहे हैं। उनका कहना है कि अगर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी उनकी मांग नहीं मानी तो वे दिल्ली की ओर कूच करेंगे।


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meena

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