कृषि विभाग में घूसखोरी का खुलासा, डिप्टी डायरेक्टर सस्पेंड; 1 लाख की डिमांड, 40 हजार लेते पकड़े गए

Saturday, Dec 20, 2025-10:23 AM (IST)

नर्मदापुरम। कृषि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में राज्य शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कृषि उप संचालक (डिप्टी डायरेक्टर) जे.आर. हेडाऊ को निलंबित कर दिया है। हेडाऊ को लोकायुक्त पुलिस ने 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। निलंबन का आदेश कृषि मंत्रालय के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी अवनीश मिश्रा द्वारा शुक्रवार देर रात जारी किया गया।

आदेश के अनुसार, लोकायुक्त संगठन की ट्रैप कार्रवाई में उप संचालक हेडाऊ के रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

निलंबन अवधि में शहडोल रहेगा मुख्यालय

निलंबन अवधि के दौरान जे.आर. हेडाऊ का मुख्यालय संयुक्त संचालक, किसान कल्याण एवं कृषि विकास कार्यालय, शहडोल संभाग तय किया गया है। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।

लाइसेंस बहाल करने के नाम पर मांगी थी रिश्वत

लोकायुक्त को दी गई शिकायत में कृषि विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी राजनारायण गुप्ता ने बताया कि उनके भाई की खाद-बीज की दुकान का लाइसेंस करीब तीन महीने पहले निलंबित कर दिया गया था। लाइसेंस बहाल करने के बदले उप संचालक जे.आर. हेडाऊ ने एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग की।

बातचीत के बाद सौदा 50 हजार रुपए में तय हुआ और पहली किश्त के तौर पर 40 हजार रुपए देने पर सहमति बनी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त कार्यालय में पूरे मामले की सूचना दी।

टेबल की दराज में रखवाए रुपए, फिर लोकायुक्त ने दबोचा

8 दिसंबर को तय योजना के अनुसार शिकायतकर्ता 40 हजार रुपए लेकर उप संचालक के कार्यालय पहुंचा। हेडाऊ ने रुपए खुद न लेकर टेबल की दराज में रखवा दिए। जैसे ही शिकायतकर्ता बाहर निकला, लोकायुक्त टीम ने तत्काल छापा मारकर उप संचालक को रंगेहाथ पकड़ लिया।

क्लर्क पर भी लगे गंभीर आरोप

मामले में लाइसेंस शाखा देखने वाले क्लर्क संजय साहू पर भी रिश्वत की मांग करने और पूरे लेन-देन में सहयोग करने के आरोप लगाए गए हैं। लोकायुक्त पुलिस द्वारा पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच जारी है।


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Content Editor

Himansh sharma

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