कॉलोनाइजर ने ये बताई अपनी आपबीती, बोले, मुझ पर दबाव बनाकर मांगे जा रहे हैं पैसे
Saturday, Jan 21, 2023-12:54 PM (IST)
हरदा (राकेश खरका): शहर में कलेक्टर ऑफिस के पास श्रीनगर कॉलोनी को लेकर शिकायत मिलने के बाद अनुविभागीय अधिकारी टीम बनाकर जांच कराई जा रही है। यहां जांच से पहले ही शिकायतकर्ता ने बहुत ही बहुत भ्रामक जानकारियां देकर स्वार्थ सिद्ध करना चाह है। यहां कॉलोनाइजर कृष्ण मुरारी अग्रवाल ने अपना पक्ष रखते हुए बताया है कि मेरी लगभग 14.7 एकड़ भूमि है जिस पर मैंने कॉलोनी का निर्माण किया है और शासकीय नियमों के पालन अनुरूप ही खरीदा है। साथ ही हर विभाग की शाखाओं में सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा साथ ही कुछ लोगों द्वारा जबरन दबाव बनाकर परेशान कर पैसों की मांग की जा रही है और प्रशासन अपनी जांच कर रहा है। मुझे प्रशासन पर पूर्ण विश्वास है, वह जांच करें और मेरी जो जमीन है वह मेरी ही जमीन है। क्योंकि कुछ लोगों द्वारा जबरन शिकायत कर षडयंत्र पूर्वक मुझ पर झूठे आरोप लगा रहे हैं और शिकायतकर्ता बार-बार नगरपालिका सहित राजस्व विभाग के नाम से सीएम हेल्पलाइन पर कई बार शिकायत कर चुके हैं, जिसको लेकर शिकायतकर्ता पर कार्रवाई भी हो चुकी है।

कॉलोनाइजर ने रखा अपना पक्ष
श्रीनगर कॉलोनी जोकि 14 एकड़ 73 डिसमिल भूखंड है। जिसे प्लाटिंग कर बेचा गया है। रही बात सरकारी जमीन की तो वह तो जिस विभाग के नाम से अलाट होगी तो उसका खसरा नंबर, नक्शा सहित, कितना रकबा है यह तो सभी रिकॉर्ड में उपलब्ध रहता है और शासन की जमीन कौन बेच सकता है यहां तो सभी लोग जानते हैं। जो भी होगा जांच के बाद ही पता चलेगा मैंने तो मेरी शासन द्वारा रजिस्ट्री कृत श्रीनगर कॉलोनी के प्लाट बेचे हैं और मामले में कॉलोनाइजर कृष्णमुरारी अग्रवाल ने अपने पक्ष में कहा कि मेरे द्वारा विधिवत रूप से 14 एकड 73 डिसमिल जमीन हैं, उसी में से बेची है, जिसमें से जमीन कम हो रही है। 10/3 में अभी 5200 वर्गफीट जमीन अभी भी है। लोक निर्माण विभाग और राजस्व रिकार्ड में रोड 80 फीट चौड़ी है। जो गोहे की बात शिकायतकर्ता राठौर बता रहा है, उप पर नगर पालिका की ओर सीमेंट रोड बना दिया गया है।
जिन 34 लोगों की रजिस्ट्रियां हुई हैं, वे सन 1985 से 2000 तक हुई हैं, 1987 में टीएनसीपी कराई है। हमें अपनी जमीन की ही टीएनसीपी मिली है। उद्योग विभाग व हमारी जमीन के तार फेंसिंग हैं।जोकि उसी समय से आज तक वैसी की वैसी अपनी जगह पर है, वहां जिनके नाम जमीन है, वहां गोदाम, लकड़ी आरामशीन फेक्ट्री का पुराना ऑफिस और जूता फैक्ट्री है। पानी का प्लांट है और सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

