पायलट के स्वागत कार्यक्रम में आपस में भिड़े कांग्रेसी, भाजपा ने जारी किया वीडियो, कहा- गुटबाजी खुलकर सामने आ रही
Thursday, Nov 27, 2025-07:31 PM (IST)
धमतरी : छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन विवादों से भरा रहा। जहां दो अलग अलग जगहों में कांग्रेस नेताओं में जमकर तू-तू-मैं मैं देखने को मिली। पहले धमतरी और फिर केशकाल में स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई। बीजेपी ने इसका वीडियो जारी करते हुए जमकर हमला बोला है।
क्या हुआ धमतरी में?
धमतरी में एसआईआर को लेकर नेताओं से चर्चा करने के बाद जैसे ही सचिन पायलट कार्यक्रम स्थल से रवाना हुए, वहां पूर्व जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र अजमानी और वर्तमान जिलाध्यक्ष शरद लोहाना आमने-सामने जा पहुंचे। शरद लोहाना पर नगर निगम चुनाव के दौरान टिकट बेचने का गंभीर आरोप लगा। कहा गया कि पैसे लेकर टिकट वितरण किया गया, जिसकी वजह से निगम में आज भाजपा का महापौर बैठा है। करीब 5 मिनट तक दोनों में तीखी बहस, अपशब्द भी कहे गए। माहौल बिगड़ते देख जिला पंचायत सदस्य नीलम चंद्राकर और नीशु चंद्राकर देवेंद्र अजमानी को अलग ले गए। इसके बाद देवेंद्र अजमानी ने सचिन पायलट को अपना इस्तीफा सौंप दिया और कहा कि वे भाजपा में शामिल होंगे। कांग्रेस हाईकमान ने इसे गंभीरता से लेते हुए देवेंद्र अजमानी को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
कांग्रेस की गुटबाज़ी आ रही सामने...
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) November 26, 2025
खुद के कार्यकर्ता और नेता जब ऐसा करें तो पार्टी की हालत का पता चल जाता है। सचिन जी, भूपेश जी ये सब तो आपके सामने हुआ है कि आपके पार्टी के नेता और कार्यकर्ता कैसे आपके विरोध में सामने आ रहे हैं?
भूपेश जी केवल प्रचार करने से पार्टी नहीं चलती… pic.twitter.com/QVWPDN1xcO
केशकाल: स्वागत मंच पर दो खेमों का प्रदर्शन
केशकाल में भी स्थिति कम नहीं थी। सचिन पायलट के स्वागत कार्यक्रम में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राजेश नेताम और पूर्व विधायक संतराम नेताम दोनों अपने-अपने अलग-अलग खेमों के साथ मंच के विपरीत ओर दिखाई दिए। समर्थक भी समूहों में बंटे हुए नजर आए, जिससे स्थानीय स्तर पर गहरी तनातनी और गुटबाजी सामने आई। सचिन पायलट के आगमन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में यह विभाजन कांग्रेस की स्थिति पर कई सवाल खड़े करता है।
राजनीतिक हलचल तेज
इन दोनों घटनाओं ने प्रदेश कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी है। वरिष्ठ नेताओं तक चर्चाएं पहुंच चुकी हैं, और माना जा रहा है कि आगे भी अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी रह सकती है। इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अंदरूनी कलह अब सार्वजनिक मंचों पर सामने आने लगी है, जिसका सीधा राजनीतिक लाभ विपक्ष उठाने में जुट गया है।

