लक्ष्मण सिंह बोले- डरना छोड़ दो...महाराजा आ गए, राजा आ गए, छोटे राजा साहब आ गए... कोई किसी का गुलाम नहीं है

Saturday, Nov 22, 2025-08:16 PM (IST)

गुना (मिस्बाह नूर) : राष्ट्रीय हित सर्वोपरि की भावना के साथ शनिवार को पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने गुना जिले की बमोरी विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक समरसता यात्रा निकाली। यात्रा निहालदेवी माता मंदिर से शुरू होकर ग्राम मारकीमऊ के हाट बाजार तक पहुंची, जिसका समापन एक नुक्कड़ सभा के रूप में हुआ। समरसता यात्रा के दौरान मारकी मऊ में ग्रामीणों से चर्चा करते हुए लक्ष्मण सिंह ने चिंता जताई कि उन्हें जानकारी मिली है कि इस क्षेत्र से 30 से 35 हजार मजदूर काम करने के लिए बाहर जा रहे हैं, जो पहले कभी नहीं सुना जाता था।

PunjabKesari

पूर्व सांसद ने प्रशासनिक अधिकारियों पर आम नागरिकों को डराने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली कंपनी सहित तमाम अधिकारी क्षेत्र की सीधी-साधी जनता को डराकर रखते हैं। उन्होंने गुलामी की मानसिकता पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि नेताओं को हौआ बना रखा है, जबकि नेता आपके ही हैं। इसलिए अपनी बात रखने की जागरूकता आना चाहिए। उन्होंने कहा कि नामों के आगे न जाएं कि महाराजा आ गए, राजा आ गए और छोटे राजा साहब आ गए। प्रजातंत्र में लोगों को बोलने की आजादी है, कोई किसी का गुलाम नहीं है, स्वतंत्र भारत है। गुलामी मानसिकता मन से निकाल दीजिए, जब तक यह मानसिकता नहीं छोड़ेंगे, आपका हाल ऐसे ही रहेगा।

PunjabKesari

मारकीमऊ के हाट बाजार में लक्ष्मण सिंह ने कपड़ा विक्रेताओं, फल विक्रेताओं और अन्य दुकानदारों से मुलाकात कर उन्हें रोजगार और पलायन रोकने का आश्वासन दिया। इस दौरान ग्रामीण जनों ने मांग की कि उनके जिले में ही लघु उद्योग स्थापित किए जाएँ, ताकि उन्हें काम की तलाश में बाहर न जाना पड़े। लक्ष्मण सिंह ने स्पष्ट किया कि वे बमोरी में पलायन को रोकने के उपाय तलाशने आए हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों को स्थानीय उत्पादों को बमोरी क्षेत्र के हाट बाजारों में बेचने की सलाह दी, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके। उन्होंने उत्पादन और बिक्री दोनों स्थानीय स्तर पर होने की वकालत की।

PunjabKesari

समरसता यात्रा के दौरान लक्ष्मण सिंह मारकी मऊ के मुख्य बाजार में एक जूता विक्रेता की दुकान पर पहुंचगे जहां उन्होंने जूते के कारोबार को लेकर चर्चा की। दुकानदार ने बताया कि स्थानीय स्तर पर जूते बनाए जाएं तो 20 से 25 लाख रुपए की लागत से कारखाना खुल सकता है, जिससे लगभग 150 लोगों को रोजगार मिल सकता है। उन्होंने कुछ अन्य कारोबारियों की दुकानों पर पहुंचकर भी रोजगार की संभावनाएं तलाशीं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

meena

Related News