डोंगरगढ़ नगर पालिका में अध्यक्ष पर कांग्रेस तो उपाध्यक्ष पर भाजपा का कब्जा

Friday, Jul 19, 2024-05:23 PM (IST)

राजनांदगांव (देवेन्द्र गोरले) : डोंगरगढ़ नगर पालिका में कांग्रेस अध्यक्ष सुदेश मेश्राम के खिलाफ भाजपा द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। ये बात अलग है कि उपाध्यक्ष पद पर उमा महेश वर्मा फिर से काबिज हुए हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि सत्ता परिवर्तन के पूर्व वो निर्दलीय व कांग्रेस समर्थित उपाध्यक्ष हुआ करते थे लेकिन आज वो भाजपा की ओर से उपाध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। जी हां केन्द्र एवं छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार होने के बाद भी भाजपा द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है। इससे यह साबित होता है कि भाजपा की सरकार होने के बावजूद भाजपा के नेताओं की स्पष्ट रूप से निष्क्रियता उजागर हुई है। जबकि देखा जाये तो मतदान के दिन भाजपा के दिग्गज नेता नगर पालिका परिषद के इर्द गिर्द दिखाई दिए उसके बाद भी अविश्वास प्रस्ताव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।

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दिग्गज नेताओं को लेनी होगी जवाबदेही- भाजपा के प्रदेश महामंत्री रामजी भारती, मंडल अध्यक्ष अमित जैन, राकेश अग्रवाल, चीकू जैन,नेता प्रतिपक्ष अमित छाबड़ा के अलावा भाजपा के दिग्गज नेता इस अविश्वास प्रस्ताव में दिखाई दिए लेकिन भाजपा नेताओं के द्वारा ही इस चुनाव में सेंधमारी की गई हैं या कांग्रेस के पक्ष में सहयोग किया गया है यह स्पष्ट तब होगा जब भीतरघाती भाजपा के पार्षद का खुलासा होगा। खैर जो भी हो आखिरकार छोटे से अविश्वास प्रस्ताव वाले अविश्वास प्रस्ताव वाले चुनाव में भाजपा की हार हुई है जो चिंता का विषय है।

राजनीतिक षडयंत्र के तहत नगर पालिका में पुनः कांग्रेस का परचम लहराया है। कांग्रेस की इस जीत पर भाजपा के दिग्गज नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। आखिर छोटे से अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस ने अपना कब्जा क्यों कायम किया है यह भाजपा के लिए शर्म की बात की। चाहे वह मंडल अध्यक्ष हो या प्रदेश महामंत्री हो लेकिन हार तो हार है। इस विषय को लेकर पूरे नगर में भाजपा की निंदा चौक-चौराहों में हो रही है।


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meena

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