प्रेम संबंधों के शक में पिता ने 15 साल की बेटी को मौत के घाट उतारा, फिर दर्ज करा दी गुमशुदगी की रिपोर्ट
3/8/2024 1:47:40 PM
छतरपुर(राजेश चौरसिया): दो दिन पूर्व प्रकाश बम्हौरी थाना क्षेत्र के ग्राम बदौरा में मिले अज्ञात बच्ची के शव की शिनाख्त होने के उपरांत पुलिस ने बच्ची की हत्या करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि मृतिका का पिता ही है, जिसने पहले बच्ची की हत्या की, इसके बाद शव को बोरी में बांधकर कुंए में फेंका और फिर थाने जाकर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में पुलिस ने गंभीरता से कार्यवाही करते हुए आरोपी तक पहुंचने में सफलता हासिल की है।
यह है मामला
प्रकाश बम्हौरी थाना प्रभारी उप निरीक्षक सत्येंद्र सिंह यादव ने बताया कि 5 मार्च की रात्रि करीब 9 बजे थाने में ग्राम बदौरा निवासी 62 वर्षीय व्यक्ति ने सूचना दी थी कि बदौरा हार में स्थित उसके कुंए में एक काले रंग की बोरी पड़ी है, जिससे बदबू आ रही है। सूचना प्राप्त होते ही प्रकाश बम्होरी पुलिस, एफएसएल टीम के साथ मौके पर पहुंची और बोरी को बाहर निकलवा कर जांच की। बोरी में एक बालिका का क्षत-विक्षत शव मिला। मृतिका की शिनाख्त ग्राम बदौरा की ही रहने वाली 15 वर्षीय बालिका के रूप में उसके पिता द्वारा की गई। मृतिका के पिता ने बताया कि उसकी बच्ची 26 फरवरी से लापता थी, जिसकी सूचना उसने थाने में दी थी और पुलिस ने तब धारा 363 का मामला पंजीबद्ध कर बच्ची की तलाश शुरु की थी। चूंकि शव मिलने के बाद यह स्पष्ट था कि किसी ने उसकी हत्या की है इसलिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में पुलिस ने प्रकरण में धारा 302, 201 का इजाफा करते हुए विवेचना शुरु की। पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने मामले को गंभीरता से लेकर विवेचना के लिए लवकुशनगर एसडीओपी नवीन दुबे के मार्गदर्शन में एक टीम गठन किया, जिसका नेतृत्व प्रकाश बम्हौरी थाना प्रभारी उप निरीक्षक सत्येंद्र सिंह यादव ने किया। गठित टीम ने घटना के विभिन्न पहलुओं पर बारीकी से जांच की और स्थानीय लोगों से जानकारी जुटाई गई। घटनास्थल और मृतिका के घर का भौतिक निरीक्षण, साक्षियों के कथन, स्थानीय लोगों से प्राप्त जानकारी और शव परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर पुलिस को मृतिका के पिता पर ही संदेह हुआ। पुलिस ने जब बालिका के पिता से पूछताछ की तो उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया।
चरित्र संदेह के चलते गुस्से में आकर पिता ने की हत्या
मृतिका के 46 वर्षीय पिता ने पूछताछ में बताया कि उसे अपनी बेटी पर चरित्र संदेह था जिसको लेकर 25 फरवरी की रात को उसका घर में झगड़ा हुआ और आवेश में आकर उसने बच्ची का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। घटना को आत्महत्या का रूप देने के लिए पहले उसने दुपट्टे से उसके शव को फांसी पर लटकाया लेकिन जब वह इस प्रयास में असफल रहा तो उसने बच्ची के शव को काले रंग की बोरी में बांधा और गांव के बाहर स्थिति कुएं में फेंक दिया। इसके बाद 26 फरवरी को थाने जाकर बच्ची के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी के अलावा सहायक उप निरीक्षक रामाप्रसाद, प्रधान आरक्षक सुनील अरजरिया, नरेश कुमार, आरक्षक अमर सिंह, अजहर, विकास सिंह, पवन, राहुल यादव, हरिशरण सहित एफएसएल टीम के प्रधान आरक्षक मलखान सिंह, आईटी सेल के आरक्षक राहुल भदौरिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा।