ग्वालियर खंडपीठ ने जारी की गाइडलाइन, लोन की वसूली के लिए दबाव नहीं बना सकते बैंक!

5/29/2020 5:13:43 PM

ग्वालियर (अंकुर जैन): ग्वालियर हाईकोर्ट ने कोविड-19 को लेकर रिजर्व बैंक की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा है, कि कोई भी बैंक किसी भी प्रकार के लोन की किश्त के लिए निर्धारित अवधि में वसूली के लिए दबाव नहीं डाल सकता है। सभी निजी और राष्ट्रीयकृत बैंक को रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के हिसाब से ऋणी उपभोक्ता से राशि नहीं वसूल सकते हैं।

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ऋणी की प्रॉपर्टी को बैक रिऑक्शन नहीं कर सकते हैं। दरअसल ग्वालियर के गिर्राज एसोसिएशन ने दाल बाजार तिराहे पर स्थित केनरा बैंक से करीब 8 लाख का टर्म लोन लिया था। लोन की किश्त को लेकर ऋणी और बैंक प्रबंधन के बीच विवाद हो गया था। जिसमें इस बात पर सहमति हुई थी कि टर्म लोन की आधी राशि ऋणी पहले जमा करेगा आधी राशि बाद में जमा की जाएगी। इस बीच कोरोनावायरस के कारण लॉक डाउन आ गया। जिसमें एसोसिएट बाकी 50 फ़ीसदी राशि को बैंक में जमा नहीं करा सका। इस बीच बैंक ने गिर्राज एसोसिएट की प्रापर्टी का ऑक्शन निर्धारित कर दिया। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि कोरोना काल की अवधि में कोई भी बैंक अपने ऋणी पर  किश्त वसूली के लिए जबरन दबाव नहीं डाल सकता है। चाहे वह किसी भी प्रकार का ऋण हो, टर्म लोन हो। कोरोना संक्रमण के चलते मार्च से ही देश भर की सभी गतिविधियां अवरोध पड़ी हुई हैं इससे बैंक भी अछूते नहीं हैं। रिजर्व बैंक ने इस दौरान एक नया सर्कुलर जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि बैंक रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुरूप ही मामले में कोई कार्रवाई करें। इस दौरान किसी की किस्त रुकने पर उसकी प्रॉपर्टी को ऑक्शन नहीं किया जाए।


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Vikas kumar

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