पूर्वजों की स्मृतियों को मिलेगा नया जीवन, उपेक्षित समाधि स्थल के पुनर्निर्माण की पहल, रानी विभा देवव्रत सिंह आईं सामने

Tuesday, Dec 23, 2025-06:56 PM (IST)

खैरागढ़ (हेमंत पाल) : खैरागढ़ रियासत के राजाओं की समाधि स्थल की बदहाल स्थिति को लेकर प्रकाशित खबर का असर अब साफ तौर पर दिखाई देने लगा है। पंजाब केसरी पर मामला सामने आने के बाद न सिर्फ लोगों के बीच चर्चा तेज हुई, बल्कि राजपरिवार की ओर से भी तुरंत और जिम्मेदार प्रतिक्रिया देखने को मिली। रानी विभा देवव्रत सिंह ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए खुद आगे आकर सुधार की पहल की है। सालों से उपेक्षित पड़े राजाओं की समाधि स्थल में अब साफसफाई का काम शुरू हो चुका है।

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रानी विभा देवव्रत सिंह ने साफ कहा है कि अब उनके पूर्वजों की स्मृतियों से जुड़े स्थल लावारिस नहीं रहेंगे। उन्होंने बताया कि ये समाधियां सिर्फ पत्थर की संरचनाएं नहीं हैं, बल्कि खैरागढ़ के इतिहास, संस्कृति और गौरवशाली परंपरा की पहचान हैं, जिनका संरक्षण करना राजपरिवार की जिम्मेदारी है। इस समाधि स्थल का ऐतिहासिक महत्व भी खास है। यहां खैरागढ़ रियासत के राजा उमराव सिंह, राजा कमलनारायण सिंह, राजा लाल बहादुर सिंह, रानी मुग्धकुंवर सिंह, रानी चैतन्य कुमारी साहिबा, रानी द्रुपद कुमारी देवी, रानी बृजकुमारी देवी सहित राजपरिवार के सदस्य बलदेव सिंह, शेर सिंह, राजकुमार विक्रम बहादुर सिंह और राजकुमार शत्रुशाल बहादुर सिंह जैसी विभूतियों की समाधियां हैं। इन सभी का क्षेत्र के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में अहम योगदान रहा है।

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रानी विभा देवव्रत सिंह ने बताया कि पुनर्निर्माण का काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। पहले चरण में झाड़ियों और कचरे की सफाई कराई जा रही है। इसके बाद जर्जर ढांचे की मरम्मत, रंगाई-पुताई और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। साथ ही समाधि स्थल में टूटी फूटी चारदीवारी को भी नए सिरे से ठीक कराया जाएगा, ताकि परिसर सुरक्षित और व्यवस्थित रह सके। हर समाधि के पास संबंधित राजा-रानी और उनके योगदान की जानकारी देने वाली सूचनात्मक पट्टियां भी लगाई जाएंगी। इस पूरे मामले में रानी विभा देवव्रत सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी कर सार्वजनिक रूप से खेद भी जताया। उन्होंने माना कि राजाओं के जाने के बाद से समाधि स्थल का नियमित रखरखाव नहीं हो पाया, जो एक बड़ी चूक थी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब नियमित साफ-सफाई के लिए स्थायी व्यवस्था की जाएगी और भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा नहीं बनने दी जाएगी। साथ ही उन्होंने इस मुद्दे को सामने लाने के लिए पत्रकारों और मीडिया का आभार भी जताया।

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स्थानीय लोगों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से जिस समाधि स्थल की उपेक्षा हो रही थी और जिसे अघोषित सार्वजनिक शौचालय की तरह इस्तेमाल किया जाने लगा था, वह अब फिर से सम्मान और गरिमा की ओर लौट रहा है। लोगों को उम्मीद है कि यह सुधार स्थायी होगा। कुल मिलाकर यह मामला दिखाता है कि जब जनहित से जुड़े मुद्दे जिम्मेदारी से उठाए जाते हैं और संबंधित पक्ष संवेदनशीलता दिखाता है, तो उसका असर जमीन पर दिखाई देता है। खबर के असर और रानी विभा देवव्रत सिंह की जागरूक पहल से अब उम्मीद जगी है कि खैरागढ़ रियासत के राजाओं की यह ऐतिहासिक समाधि स्थल फिर से अपने पुराने गौरव के साथ लोगों के सामने आएगी।


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Content Writer

meena

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