शिक्षा विभाग में बढ़ती लापरवाही! सरकारी शिक्षक बने ‘चिटफंड एजेंट’, बच्चों के भविष्य से खिलवाड़

Tuesday, Nov 04, 2025-05:44 PM (IST)

दुर्ग (हेमंत पाल) : दुर्ग जिले के शिक्षा विभाग में लापरवाही और नियमों की अनदेखी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। कभी फर्जी डिग्री वाले शिक्षक तो कभी प्राइवेट संस्थानों में सक्रिय सरकारी कर्मचारी ऐसे मामलों ने विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ताज़ा मामला धमधा विकासखंड के ग्राम गोरखा के शासकीय स्कूल का है, जहां शिक्षिका कल्पना सेन पर आरोप है कि वे शासकीय सेवा में रहते हुए चिटफंड कंपनी में कार्यरत हैं। यह खुलासा छात्र-पालक संघ के अध्यक्ष ने अपनी लिखित शिकायत में किया है।

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शिकायत में कहा गया है कि शिक्षिका कल्पना सेन ने शिक्षक जैसी संवेदनशील जिम्मेदारी निभाते हुए भी निजी कंपनी में सक्रिय भूमिका निभाई और लोगों से वित्तीय निवेश से जुड़े कार्य करवाए। यह न केवल शासन के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि शिक्षक की गरिमा और पेशेवर नैतिकता के भी विपरीत है।

छात्र-पालक संघ ने यह भी आरोप लगाया कि “आज जब सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है, तब कुछ शिक्षक पैसे के लालच में सरकारी नौकरी को पार्ट-टाइम समझने लगे हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई और भविष्य पर सीधा असर पड़ रहा है।” इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी अब हरकत में आए हैं।

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ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, धमधा अथर्व शर्मा ने बताया गोरखा स्कूल की शिक्षिका के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई है। मामला गंभीर है, जांच प्रारंभ कर दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग को ऐसे मामलों पर तुरंत कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि अन्य शिक्षकों के लिए यह नजीर बन सके।

गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों में दुर्ग जिले में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठे हैं  कहीं फर्जी डिग्री पर नौकरी पाने वाले शिक्षक पकड़े जा रहे हैं, तो कहीं स्कूल से गायब रहकर निजी व्यवसाय करने के मामले सामने आ रहे हैं।

ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है- क्या अब शिक्षा विभाग में ‘सेवा’ नहीं, ‘कमाई’ ही प्राथमिकता बन चुकी है?


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meena

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