आगर में जबलपुर अस्पताल के अग्निकांड से सबक लेने की जरूरत, जिम्मेदारों की अनदेखी कहीं भारी न पड़ जाए!

8/2/2022 11:31:35 AM

आगर मालवा(सय्यद जाफर):  सोमवार को जबलपुर के दमोह नाका आईटीआई रोड स्थित शिव नगर मोड़ पर न्यू लाइफ हॉस्पिटल में भीषण अग्निकांड में 8 लोगों की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं। अग्निकांड में मौत का आकंड़ा बढ़ सकता। ऐसे में आगर शहर के साथ जिले में बिना मापदण्ड के संचालित हॉस्पिटल जिम्मेदारों की अनदेखी कहीं बड़ी घटना को अंजाम न दे दे। शहर की बात की जाए तो छोटे बड़े हॉस्पिटल एक दर्जन से अधिक है। जिले की बात की जाए तो दो दर्जन से अधिक हॉस्पिटल का संचालन हो रहा हैं। जिसमें प्राथमिक उपचार के साथ भर्ती प्रकिया को अंजाम भी हॉस्पिटल प्रबंध करता हैं। बिना मापदण्ड के चल रहे अधिकांश हॉस्पिटल में अग्नि सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं है।

बिना ड्राइंग(नक्शा) के चल रहे हॉस्पिटल
 जिले में अधिकांश हॉस्पिटल बने हुए मकान या बिल्डिंग में चल रहे है। उज्जैन रोड टोलगेट के पास, बडौद रोड के हॉस्पिटल में अग्नि सुरक्षा को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं हैं। अब सवाल यह उठता हैं कि जिले के आला अधिकारी होने के बाद कुकुर मुत्ते की तरह इनको बिना मापदंड के संचालन की जवाबदेही किसने दी किसके कहने पर दी?

सर्टिफिकेट का भी खेल
जिले में अग्नि सुरक्षा को लेकर कई हॉस्पिटल ने अपने तरीके से अग्नि सुरक्षा के सर्टिफिकेट बनाकर विभाग को दे दिए। अब सवाल यह उठता हैं मरीजों की भर्ती प्रकिया से पहले उस जगह में फायर सेफ़्टी इंजीनियरिंग होना चाहिए। लेकिन उक्त हॉस्पिटलों में एक भी जगह फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग न के बराबर है। जो विभाग के साथ प्रशासन की बड़ी चूक है। अगर वह होंगे भी महज कागज में होंगे।

हॉस्पिटल के कमरों में रखा रहता हैं सामान
अगर हम शहर जिले की बात करे तो हॉस्पिटलों में कमर्शियल और रेजिडेंशियल व अस्पताल में स्मोक व हिट डिटेक्टर होना चाहिए व साथ ही में स्प्रिंकलर सिस्टम होना चाहिए। आग को रोकने के लिए और फायर एक्स्टिंग्विशेर, अलार्म आवश्यक रूप से लगे होना चाहिए लेकिन यह एक बड़ी चूक उक्त जगहों में दिखाई देती हैं।

जिम्मेदार शिकायत को करते हैं अनदेखी
बीमार होने वाले मरीज के परिजनों से सेवा के नाम पर मोटी रकम लूटने वाले निजी हॉस्पिटल के खुद के बाहर मेडिकल संचालित होते है। दवाई के नाम पर खुली लूट को अंजाम देकर हॉस्पिटल की शिकायत कई बार होती हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उक्त शिकायत में खानापूर्ति कर अनदेखी कर देते हैं।

वहीं जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी समंदर मालवीय से जिले में अग्नि सुरक्षा को लेकर पूछा गया कि कितने हॉस्पिटल के सर्टिफिकेट हैं। तो उनका कहना था कि इसका आंकड़ा ऑफिस पहुंचकर बताऊंगा।


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Content Writer

meena

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