कांग्रेस का सरकार से सवाल,- बीजेपी में क्यों बेबस नजर आ रही है उमा भारती, सरकार ने 17 नवजात की मौत से भी सबक नहीं लिया सबक

1/17/2022 2:00:10 PM

भोपाल (प्रतुल पाराशर): मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को लेकर बयान दिया है. नरेंद्र सलूजा ने कहा कि जिस उमा भारती ने मध्यप्रदेश में भाजपा का वनवास समाप्त किया था, उनकी सरकार बनाई, आज वह खुद अपनी ही सरकार के सामने इतनी असहाय क्यों नजर आ रही है ?

बीजेपी उमा भारती को नहीं दे रही कोई तवज्जो

वह बताये कि उन्होंने 15 जनवरी से मध्य प्रदेश में शराबबंदी पर लट्ठ लेकर सड़क पर उतरने की घोषणा की थी. आज उसका क्या हुआ ? सीएम शिवराज भी बताये कि उन्होंने उमा भारती की शराबबंदी की मांग और चेतावनी पर क्या कदम उठाये हैं ? और उनका इस मामले में क्या मत और रुख है ?

सलूजा ने बताया कि प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती जिनको मध्यप्रदेश की भाजपा ने अपनी 402 सदस्य कार्यकारिणी में भी स्थान नहीं दिया, अब उनकी मांग पर भी सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है. उन्होंने पहले 8 मार्च 2021 को महिला दिवस के दिन से प्रदेश में शराबबंदी अभियान शुरू करने की घोषणा की थी. लेकिन वह इस अभियान को प्रारंभ नहीं कर पाई और उनकी यह घोषणा हवा में ही रह गई. उसके बाद दोबारा उन्होंने 18 सितंबर 2021 को मीडिया के समक्ष यह घोषणा की कि वह मध्य प्रदेश में 15 जनवरी 2022 से शराबबंदी को लेकर अभियान चलाएगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इस 4 माह में शराबबंदी को लेकर प्रदेश में जन जागरूकता अभियान चलाए जाएंगी. यदि सरकार को इस निर्णय को देखते हुए राजस्व की हानि होती है तो उनके पास राजस्व की क्षतिपूर्ति की योजना है. उसे वे मुख्यमंत्री से चर्चा कर उन्हें बताएगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि शिवराज सिंह, बीडी शर्मा दोनों शराबबंदी करने के लिए समर्थ है और दोनों शराब के खिलाफ है.

उमा भारती की घोषणाएं क्यों हो रही है हवा हवाई: नरेंद्र सलूजा

नरेंद्र सलूजा ने सवाल किया कि उन्होंने सरकार को 4 माह का समय भी दिया था कि इस दौरान वह जन जागरूकता अभियान चलाएं. लेकिन इन 4 माह में सरकार ने कोई जन जागरूकता अभियान तो नहीं चलाया उल्टा सरकार का शराब प्रेम इन 4 माह में कई बार उजागर होता दिखा. उमा भारती की शराबबंदी को लेकर दूसरी बार की गयी घोषणा भी हवा हवाई साबित हो रही है. वे बताएं कि क्या कारण है कि वे अपनी ही पार्टी की सरकार के सामने इतनी असहाय क्यों नजर आ रही है ? अपनी घोषणा पर अमल को लेकर उनकी क्या कार्ययोजना है ? क्या कारण है कि 15 जनवरी बीत जाने के बाद भी वह अभी तक सड़क पर नहीं उतरी है ?

उनकी इस घोषणा और मांग पर अमल में कौन बाधा बन रहा है. शिवराज, वीडी शर्मा ने उनकी इस मांग पर क्या निर्णय लिया है. उनसे अभी तक चर्चा की या नहीं, यह उन्हें प्रदेश की साढ़े़ 7 करोड़ जनता को बताना चाहिए. साथ ही उन्हें यह भी बताना चाहिए कि इस घोषणा के बाद विगत 4 माह में उन्होंने प्रदेश में शराबबंदी के अभियान को लेकर क्या-क्या किया. किससे चर्चा की, उसका भी खुलासा उन्हें प्रदेश की जनता के सामने करना चाहिए.

क्या शराबबंदी बना चुनावी जुमला?

उमा भारती एक गंभीर और फायर ब्रांड नेता के रूप में जानी जाती है. लेकिन शराबबंदी को लेकर उनकी बार-बार की जा रही घोषणाओं और उस पर अमल नहीं होने से उनके बयानों और घोषणाओ की स्थिति हास्यादपद होती दिख रही है. खुद उमा भारती कह चुकी हैं कि शराब से ही अपराध, दुष्कर्म, हत्या, लूट जैसी घटनाएं होती है और इनकी रोकथाम के लिए प्रदेश में शराबबंदी होना बेहद आवश्यक है. तो फिर क्या कारण है कि खुद की सरकार में भी वह इस निर्णय को लागू नहीं करवा पा रही है और अपनी घोषणा के अनुरूप सड़क पर अभी तक क्यों उतर नहीं पा रही है? कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि यदि शिवराज सरकार के खिलाफ उमा भारती सड़क पर उतरती है तो कांग्रेस उनका समर्थन करेगी.

17 नवजातों की मौत से नहीं लिया कोई सबक: कांग्रेस

मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल की घटना में 17 नवजात की मौत से भी सबक नहीं लेने पर शिवराज सरकार से सवाल किया है. नरेंद्र सलूजा ने कहा कि अब इंदौर के मेदांता हॉस्पिटल के आईसीयू में लगी आग से बड़ी जनहानि हो सकती थी. इसके बाद भी सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है. प्रदेश के अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम की कोई मानिटरिंग नहीं हुई है. साथ ही आग से बचाव के भी कोई सुरक्षा प्रबंध नहीं। किए है. 

नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाया कि ज़्यादातर अस्पताल सिर्फ लूट खसोट का अड्डा बन चुके हैं. कोरोना में मरीजों को इन्होंने जमकर लूटा और आज भी लूट रहे हैं. सरकार का इन पर कोई नियंत्रण नहीं है. इसके पहले इंदौर के DNS हॉस्पिटल में लिफ़्ट गिरने की घटना हो चुकी है. उसकी जांच का भी कोई पता नहीं चला है और अभी की जांच के नाम पर  महज खानापूर्ति हो रही है.

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने सरकार से मांग की है कि सरकार ऐसे अस्पतालों को चिन्हित कर उन पर कठोर कार्रवाई करें. प्रदेश के सभी अस्पतालों का फायर सेफ्टी सिस्टम चेक होना चाहिए. सुरक्षा उपायों के इंतज़ामों की समीक्षा हो ताकि किसी भी बड़ी जनहानि को रोका जा सके. 


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News Editor

Devendra Singh

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