जरूरत है कोरोना महामारी से लड़ने की, तैयारियां हो रही हैं चुनाव की, यही है BJP की संवेदनशीलता: कमलनाथ
5/18/2020 5:01:08 PM
भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना संकट के बीच बीजेपी की चुनावी तैयारियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हमला बोला है। पूर्व सीएम ने ट्वीट कर कहा आज आवश्यकता है सभी को मिलकर कोरोना महामारी से लड़ने की, लेकिन तैयारियां की जा रही है चुनाव लड़ने की, यह है इनकी संवेदनशीलता।
पूर्व कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कितना शर्मनाक है आज आवश्यकता है कोरोना प्रभावित इलाकों में एवं प्रदेश के मार्गों व सीमाओं पर जाकर भूखे प्यासे मजदूरों से मिलकर उनका दर्द जानने की, लेकिन जा रहे है अपने कार्यालय उपचुनाव की तैयारियों के लिए, चुनाव जीतने की रणनीति बनाने के लिए, लोगों का दलबदल करवाने के लिए?
कितना शर्मनाक है
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 18, 2020
आज आवश्यकता है कोरोना प्रभावित इलाक़ों में एवं प्रदेश के मार्गों व सीमाओं पर जाकर भूखे प्यासे मज़दूरों से मिलकर उनका दर्द जानने की,
लेकिन जा रहे है अपने कार्यालय उपचुनाव की तैयारियों के लिये,चुनाव जीतने की रणनीति बनाने के लिये,लोगों का दलबदल करवाने के लिये ?
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वहीं पूर्व सीएम ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि 'आज आवश्यकता है इस महामारी के प्रदेश में बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केन्द्र सरकार से बात कर प्रदेश में टेस्टिंग किट की कमी दूर करने की , टेस्टिंग के लिए निजी लेब को ज्यादा से ज्यादा अनुमति दिलवाने की, वेंटिलेटर व पीपीई किट की कमी को दूर करने की है, लेकिन केन्द्र सरकार व उसके मंत्रियो से इस महामारी में भी बात की जा रही है। उपचुनावो को जीतने के लिए “एक्सप्रेस वे “ के भूमिपूजन की उन्होंने कहा आज आवश्यकता है सभी को मिलकर कोरोना महामारी से लड़ने की, लेकिन तैयारियां की जा रही है। चुनाव लड़ने की , इस महामारी में भी पद बांटे जा रहे है, जवाबदारी कोरोना से निपटने की नहीं, उपचुनाव जिताने की दी जा रही है?
यह है इनकी संवेदनशीलता इन्हें जनसेवा नहीं ,सत्ता की भूख है। इन्हें कोरोना से प्रदेशवासियों को नहीं बचाना है, इन्हें पहले खुद की सरकार को बचाना है। इनकी प्राथमिकता जनता नहीं सत्ता लोलुपता है। बेचारी जनता कोरोना से लड़ रही है और ये पद व टिकट के लिए लड़ रहे हैं। कितना शर्मनाक है आज आवश्यकता है कोरोना प्रभावित इलाकों में एवं प्रदेश के मार्गों व सीमाओं पर जाकर भूखे प्यासे मजदूरों से मिलकर उनका दर्द जानने की, लेकिन जा रहे है अपने कार्यालय उपचुनाव की तैयारियों के लिए, चुनाव जीतने की रणनीति बनाने के लिए, लोगों का दलबदल करवाने के लिए।