बागेश्वर धाम में बच्ची की मौत मामले में आया नया मोड़, आयोग ने कलेक्टर-एसपी से की रिपोर्ट तलब

2/22/2023 4:25:04 PM

छतरपुर (राजेश चौरसिया) : “राजस्थान के बाड़मेर से एक मां अपनी 10 साल की बच्ची को लेकर बागेश्वर धाम पहुंची थी। जहां उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने मीडिया रिपोर्ट में दिए बयानों के अनुसार बागेश्वरधाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बच्ची को भभूति भी दी और परिजनों से कहा कि यह शांत हो गई इसे ले जाओ।"

छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में पिछले दिनों बागेश्वर धाम में एक 10 साल की बच्ची की मौत हुई थी। जहां इस मामले पर मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए जिले के कलेक्टर-एसपी से रिपोर्ट मांगी है। नाबालिग बच्ची की मौत मामले में आयोग ने छतरपुर कलेक्टर और SP से रिपोर्ट तलब की है।

जानकारी के मुताबिक, 17 फरवरी को राजस्थान के बाड़मेर से एक महिला अपने परिवार के साथ अपनी बच्ची को लेकर बागेश्वर धाम पहुंचे थे। जहां परिजनों के बयान और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बच्ची को भभूति भी दी और परिजनों से कहा कि ले जाओ इसे यह शांत हो गई है। बच्ची की मौत के बाद परिजन धाम/गांव में बने अस्थाई अस्पताल ले गये। जहां से बच्ची को सरकारी एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले गये जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

●नहीं मिली थी सरकारी एंबुलेंस...

मौत और पुष्टि के बाद परिजन काफी समय तक अस्पताल में रहे। जहां उन्हें शव ले जाने सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली तो वे 11,500  में प्राइवेट एंबुलेंस से बच्ची को राजस्थान ले गए। इतना ही नहीं अस्पताल के अंदर से शव को बाहर एंबुलेंस तक लाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं मिला था जिसे उसकी मामी गोद में उठाकर एंबुलेंस तक ले गए थे।

●यह है जानकारी...

मृतक बच्ची 10 वर्षीय विष्णु कुमारी थी वह अपनी मां और परिवार के साथ 17 फरवरी को बागेश्वर धाम आई थी। परिजनों के अनुसार उसे फिट/मिर्गी के दौरे आते थे और बाबा के चमत्कार की बात जानकर वे यहां पहली बार उसे लेकर आये थे ताकि बच्ची ठीक हो जाये। परिजनों के मुताबिक उसे फिट/दौरे लरबहिचकी आ रही थी। देर शाम तक वह सो न सकी उसकी आंख झपकी तो सोचा सो गई और सुबह जब हलचल न हुई और न उठी तो परिजनों ने बाबा के शिष्य मंडल से भारी मिन्नतें की टैब कहीं वे बमुश्किल बाबा से मिल सकी। जहां बाबा ने उसे भभूति दी बाबा ने कहा शांत हो गई ले जाओ। तो वहीं अब इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने छतरपुर कलेक्टर और एसपी से रिपोर्ट तलब की है।


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meena

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