केन्द्र सरकार व्यापार और उद्योग जगत को तत्काल राहत पंहुचाने के लिए कदम उठाये: दिग्विजय
4/6/20 8:24:03 PM
भोपाल, छह अप्रैल (भाषा) कोरोना वायरस महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन से उत्पन्न होने वाले देश के वित्तीय हालातों पर चिंता प्रकट करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि केन्द्र सरकार व्यापार और उद्योग जगत को तत्काल राहत पंहुचाने के लिए कदम उठायें।
सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को रविवार को लिखे पत्र में कहा है, ''''कोरोना महामारी के कारण आपने 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन किया है। इस दौरान आपने कार्यालय, दुकानें एवं कारखाने बंद करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, कारोबारियों से कहा है कि वे जरूरतमंदों के प्रति सहानुभूति दिखाएं और लॉकडाउन की अवधि का अपने कर्मचारियों को वेतन भी दें।'''' उन्होंने कहा कि वेतन के अलावा, कारोबारियों को बिजली बिल, कर, लिए गये कर्जे पर बैंक ब्याज, जीएसटी, भविष्य निधि एवं संपत्ति कर भी देना पड़ेगा।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि इसको देखते हुए इस संकट की घड़ी में व्यापार और उद्योग जगत की निगाह सरकार की ओर लगी है कि वह उन्हें राहत देने के लिए क्या—क्या योजनाएं बना रही है।
सिंह ने कहा, ''''इसलिए व्यापार और उद्योग जगत को तत्काल राहत पंहुचाने की आवश्यकता है। इसमें किसी भी प्रकार की देरी कई व्यवसायों और उद्यमों के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।'''' उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मुझे उनकी परेशानी को हल करने के लिए छह सुझाव मिले हैं, जिनमें अगले तीन महीने तक सभी व्यावसायिक बिजली बिल आधा करने, अगले तीन महीने तक कंपनियों से 50 प्रतिशत जीएसटी लेने, छह महीने तक कारोबारियों को ब्याज में छूट देने एवं सभी कॉमर्शियल संपत्ति पर वर्ष 2020—21 के लिए संपत्ति कर आधा करना शामिल हैं।’’ सिंह ने प्रधानमंत्री से इन सुझाावों को अमल में लाने तथा इस कठिन समय में देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए तत्काल उचित कदम उठाने की मांग की है, ताकि व्यापार और उद्योग जगत के साथ—साथ देश की जनता इस संकट से उबर सके।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को रविवार को लिखे पत्र में कहा है, ''''कोरोना महामारी के कारण आपने 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन किया है। इस दौरान आपने कार्यालय, दुकानें एवं कारखाने बंद करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, कारोबारियों से कहा है कि वे जरूरतमंदों के प्रति सहानुभूति दिखाएं और लॉकडाउन की अवधि का अपने कर्मचारियों को वेतन भी दें।'''' उन्होंने कहा कि वेतन के अलावा, कारोबारियों को बिजली बिल, कर, लिए गये कर्जे पर बैंक ब्याज, जीएसटी, भविष्य निधि एवं संपत्ति कर भी देना पड़ेगा।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि इसको देखते हुए इस संकट की घड़ी में व्यापार और उद्योग जगत की निगाह सरकार की ओर लगी है कि वह उन्हें राहत देने के लिए क्या—क्या योजनाएं बना रही है।
सिंह ने कहा, ''''इसलिए व्यापार और उद्योग जगत को तत्काल राहत पंहुचाने की आवश्यकता है। इसमें किसी भी प्रकार की देरी कई व्यवसायों और उद्यमों के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।'''' उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मुझे उनकी परेशानी को हल करने के लिए छह सुझाव मिले हैं, जिनमें अगले तीन महीने तक सभी व्यावसायिक बिजली बिल आधा करने, अगले तीन महीने तक कंपनियों से 50 प्रतिशत जीएसटी लेने, छह महीने तक कारोबारियों को ब्याज में छूट देने एवं सभी कॉमर्शियल संपत्ति पर वर्ष 2020—21 के लिए संपत्ति कर आधा करना शामिल हैं।’’ सिंह ने प्रधानमंत्री से इन सुझाावों को अमल में लाने तथा इस कठिन समय में देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए तत्काल उचित कदम उठाने की मांग की है, ताकि व्यापार और उद्योग जगत के साथ—साथ देश की जनता इस संकट से उबर सके।
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