कमियों की शिकायत पर स्कूल में SDM का औचक छापा, अपनेपन का अहसास दिलाने जमीन पर बैठकर छात्रों के साथ किया भोजन
Thursday, Dec 25, 2025-06:06 PM (IST)
सीधी (सूरज शुक्ला): सीधी जिले के आदिवासी अंचल कुसमी में गुरुवार की शाम एकलव्य आवासीय विद्यालय टमसार में उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब एसडीएम कुसमी विकास कुमार आनंद बिना पूर्व सूचना विद्यालय और छात्रावास के निरीक्षण के लिए अचानक पहुंचे । लंबे समय से मिल रही शिकायतों के बीच हुए इस औचक निरीक्षण ने न सिर्फ व्यवस्थाओं की पोल खोली, बल्कि सुधार की दिशा में सख्त संदेश भी दे दिया।

एसडीएम ने निरीक्षण कर जानी पढ़ाई की स्थिति
एसडीएम ने सबसे पहले कक्षाओं का निरीक्षण किया और छात्रों से सीधे संवाद कर पढ़ाई की वास्तविक स्थिति जानी। उन्होंने बच्चों से सवाल पूछे, उनके उत्तर सुने और पढ़ाई में आ रही कठिनाइयों को समझा। छात्रों को प्रेरित करते हुए एसडीएम ने कहा कि एकलव्य विद्यालय आदिवासी क्षेत्र के बच्चों के भविष्य की नींव है और इसकी गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।
छात्रों के साथ जमीन पर बैठकर किया भोजन
निरीक्षण का सबसे अहम और चौंकाने वाला पल तब आया, जब एसडीएम सीधे छात्रावास की रसोई और भोजन कक्ष पहुंचे। यहां उन्होंने भोजन की गुणवत्ता जांचने के लिए छात्रों के साथ जमीन पर बैठकर वही भोजन किया, जो बच्चों को परोसा गया था। इस दौरान उन्होंने मेनू के अनुसार भोजन दिए जाने, पौष्टिक आहार और समय पर भोजन वितरण को लेकर सख्त निर्देश दिए।
कमियां पर संबंधित कर्मचारियों को SDM ने लगाई फटकार
इसके बाद छात्रावास के कमरों, शौचालयों, पेयजल व्यवस्था और साफ-सफाई का बारीकी से जायजा लिया गया। जहां-जहां कमियां नजर आईं, वहां संबंधित कर्मचारियों को फटकार लगाई गई और तुरंत सुधार के निर्देश दिए गए। एसडीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी कि बच्चों के स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोबारा शिकायत मिलने पर कठोर कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि बीते कुछ समय से विद्यालय में बच्चों को मेनू के अनुसार भोजन न मिलने और साफ-सफाई में लापरवाही की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। इन्हीं शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए यह आकस्मिक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान बीआरसी कुसमी अंगिरा द्विवेदी, हॉस्टल अधीक्षक सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। वहीं क्षेत्रीय लोगों और अभिभावकों ने एसडीएम की इस पहल की खुले दिल से सराहना की। लोगों का कहना है कि जब अधिकारी खुद बच्चों के साथ बैठकर भोजन करें और जमीनी हकीकत देखें, तभी व्यवस्थाएं सुधरती हैं।

