सोम डिस्टलरीज ने कार्रवाई से बचने हाई कोर्ट के सामने रखे झूठे तथ्य, कहा - मीडिया की खबरों के आधार पर शासन ने की कार्रवाई
6/23/2024 9:45:09 PM
भोपाल/ जबलपुर । (विनीत पाठक): बाल मजदूरी मामले में रंगे हाथों पकड़े गए शराब माफिया सोम डिस्टलरीज लगातार नए नीर हथकंडे अपना रहा है। सोम डिस्टलरीज की सेहतगंज शराब फैक्ट्री का लायसेंस निलंबित होने और फैक्ट्री सीज़ होने के बाद अब शराब माफिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सरकार की कार्यवाई से राहत पाने के लिए सोम डिस्टलरीज हाईकोर्ट के सामने झूठे तथ्य पेश करने से भी बाज़ नही आ रहा। दरअसल म प्र सरकार की कार्रवाई से राहत पाने सोम डिस्टलरीज ने जो याचिका हाईकोर्ट में लगाई है, उसकी कॉपी पंजाब केसरी के पास मौजूद है। अपील में सोम ने कहा कि लायसेंस निलंबित करने की जो कार्यवाई मोहन सरकार ने की है वो समाचार पत्रों में छपी खबरों के आधार पर की गई है। सोम ने अपील में आगे कहा है कि जो भी आरोप शराब फैक्ट्री पर लगाये गए हैं उन आरोपो के सिद्ध होने के पहले ही सरकार ने सोम की शराब फैक्ट्री पर कार्यवाई कर दी। जबकि सच्चाई सारी दुनिया जानती है कि कैसे सरकार की संवैधानिक संस्था राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगों ने अपनी टीम के साथ सोम की शराब फैक्ट्री में छापेमार कार्यवाई कर नाबालिग बच्चों को शराब बनाते हुए रेस्क्यू किया था। जिसके बाद सरकार ने शराब फैक्ट्री पर कार्रवाई की थी। लेकिन कार्यवाई से राहत पाने के लिए अब सोम ने अपना पुराना पैंतरा एक बात फिर आज़माया है।
इससे पहले सोम डिटलरीज़ ने शेयर बाजार को भी किया था गुमराह करने की कोशिश। कार्यवाई के बाद सोम डिस्टलरीज के शेयरो में आई भारी गिरावट।
ये पहला मौका नही है जब शराब माफिया सोम डिस्टलरीज ने कार्यवाई से बचने झूठ का सहारा लिया है। बल्कि हर बार जब भी सोम डिस्टलरीज के किसी भी गोरखधंधे का खुलासा होता है। सोम के संचालक झूठे तथ्यों के आधार पर बचने की कोशिश करते हैं। बाल आयोग के छापे के बाद जब शेयर बाजार में सोम डिस्टलरीज एंड वेबर्ज़ेज़ के शेयर धड़ाम से गिरे उस वक्त भी सोम के संचालकों ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के संचालकों को पत्र लिख कर गुमराह करने की पूरी कोशिश की थी। पंजाब केसरी के पास सोम डिस्टलरीज का वो पत्र भी मौजूद है। जिसमें शराब माफिया ने पहले तो सेहतगंज शराब फैक्ट्री को अपना मानने से ही इनकार कर दिया। पत्र में सोम ने लिखा कि जिस फैक्ट्री पर बाल आयोग ने छापेमार कार्यवाई कर नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया है वो शराब फैक्ट्री सोम डिस्टलरीज की है ही नही, बल्कि सोम ग्रुप के सहयोगी द्वारा संचालित की जा रही है। साथ ही सोम के संचालकों ने शेयर बाजार के सामने मजदूर सप्लाई करने वाले छोटे ठेकेदारों को बाल मजदूरी के लिए ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश की। सोम ने लिखा कि शराब फैक्ट्री में बाल मजदूरी के लिए मजदूर सप्लाई करने वाले ठेकेदार दोषी हैं। क्योंकि उन्होंने भर्ती के दौरान ऐज वेरिफिकेशन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया। हालांकि तमाम झूठ बोलने के बाद भी सोम डिस्टलरीज एन्ड वेबर्ज़ेज़ के शेयर में लगातार भारी गिरावट जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक NSE और BSE दोनो के ही संचालक मंडल सोम डिस्टलरीज एन्ड वेबर्ज़ेज़ पर कार्यवाई का मन बना चुके हैं।
चोरी और सीनाजोरी- ये कहावत सोम डिस्टलरीज पर होती है लागू।
रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद भी सोम डिस्टलरीज और उसे बचाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों का झूठ यहीं खत्म नहीं हुआ। जिस दिन राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने सोम की शराब फैक्ट्री पर छापा मार के बच्चों को शराब बनाते हुए रंगे हाथों पकड़ा था उसी दिन फैक्ट्री में तैनात आबकारी विभाग के अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर ने बाल आयोग के छापे के संबंध में रायसेन जिले के कलेक्टर को जो पत्र लिखा था उसमें भी जिला आबकारी अधिकारी ने सफेद झूठ बोला था। अतुलकर ने अपने पत्र में कलेक्टर को जो जानकारी दी उसमें लिखा कि फैक्ट्री में बाल मजदूरी की उन्हें कोई जानकारी नहीं है, और जो बच्चे बाल आयोग की टीम को फैक्ट्री में मिले थे वे अपने माता पिता को खाना और दवाई देने के लिए आये थे। बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के मुताबिक जब उनकी टीम ने शराब फैक्ट्री पर छापा मारा था। उस वक्त भी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैया लाल अतुलकर शराब के नशे में धुत थे और बाल आयोग की टीम को धमकाने का प्रयास कर रहे थे। सोम डिस्टलरीज के संचालकों ने इसी तरह आबकारी विभाग के अधिकारियों से लेकर जिला कलेक्टर रायसेन और आबकारी मंत्री तक सबको अपने शिकंजे में जकड़ रखा है। जिसके चलते लगातार झूठ के दम पर जगदीश अरोरा कानून के शिकंजे से बचते चले आ रहे हैं। पंजाब कैसरी को मिली जानकारी के मुताबिक सोम डिस्टलरीज के मालिक जगदीश अरोरा कार्यवाई से बचने के लिए भोपाल से दिल्ली तक हाथ पैर मार रहे हैं। जिसमें आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा, आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल के साथ - साथ रायसेन जिला प्रशासन पुरजोर मदद कर रहे हैं। अब देखना ये है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशा के विरुद्ध जाकर ये लोग सोम डिस्टलरीज को बचा पाते हैं या नही।