रतलाम मेडिकल कॉलेज में अंधविश्वास का तमाशा: आत्मा लेने पहुंचे ग्रामीण, ढोल - थाली बजाकर की पूजा

Friday, Nov 21, 2025-11:31 AM (IST)

रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बुधवार शाम एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला जिसने मरीजों, परिजनों और स्टाफ को हैरान कर दिया। ढोल–थाली बजाते हुए करीब एक दर्जन ग्रामीण बिना किसी रोक-टोक के अस्पताल परिसर में घुस गए। कुछ महिलाएँ गीत गा रही थीं, एक व्यक्ति तलवार लहरा रहा था और एक अन्य के सिर पर पट्टी बंधी थी, जिससे खून बहता दिख रहा था। हाथों में पूजा की थाली, नारियल और लकड़ी की टोकरी लिए ये सभी सीधे तीसरी मंजिल तक पहुंच गए।

आत्मा को ‘लेने आए’ थे ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि तीन महीने पहले झावनी झोड़िया गांव के शांतिलाल झोड़िया की मौत इसी मेडिकल कॉलेज में हुई थी। आदिवासी परंपरा के अनुसार, आकस्मिक मृत्यु के बाद परिजन उसी स्थान पर जाते हैं जहां मौत हुई हो और आत्मा को अपने साथ ले जाने का आह्वान करते हैं। नीता झोड़िया नामक महिला के पास रखी लकड़ी की टोकरी में रखा पत्थर 'आत्मा का प्रतीक' बताया गया। ग्रामीणों के अनुसार, यही पत्थर गांव ले जाकर ओटला बनाकर देवता के रूप में स्थापित किया जाएगा।

पूरी टोली लिफ्ट से तीसरी मंजिल तक गई

पूरे घटनाक्रम के दौरान ग्रामीणों ने अस्पताल के अंदर ढोल-थाली बजाए, गीत गाए और पूजा की। मेडिकल कॉलेज के गार्ड और स्टाफ सब देखते रहे लेकिन किसी ने इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की।
करीब एक घंटे तक यह अंधविश्वास आधारित 'रसम' अस्पताल में होती रही।

PunjabKesariपरिवार ने बताया— आत्मा घर वालों को कर रही थी परेशान

मृतक की बुआ नीता झोड़िया ने कहा कि शांतिलाल की आत्मा उसके बड़े भाई की बेटी को परेशान कर रही थी। “वह कह रहा था कि मुझे मेडिकल कॉलेज से वापस ले जाओ, इसलिए हम पत्थर में उसकी आत्मा को लेकर जा रहे हैं।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

रतलाम मेडिकल कॉलेज में आमतौर पर गार्ड अटेंडर के अलावा किसी को अंदर प्रवेश नहीं करने देते, लेकिन इस मामले में 10 से अधिक लोग पूजा सामग्री के साथ बेधड़क अंदर चले गए। घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है।


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Content Editor

Himansh sharma

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