अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन को ग्रामीणों ने लौटाया, धमधा में चारागाह भूमि पर मौजूद स्कूल बना विवाद का कारण

Saturday, Nov 08, 2025-10:53 AM (IST)

दुर्ग। ( हेमंत पाल): छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के ग्राम दारगांव में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब प्रशासन की टीम चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने पहुंची। ग्रामीणों के विरोध और शिक्षा विभाग की गलत जानकारी के चलते प्रशासन को बिना कार्रवाई किए वापस लौटना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, ग्राम दारगांव निवासी दाऊराम यादव ने चारागाह की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर इंग्लिश मीडियम स्कूल का निर्माण कर लिया है। बताया जा रहा है कि स्कूल में नर्सरी से लेकर कक्षा आठवीं तक के बच्चे अध्ययनरत हैं।

ग्राम पंचायत दारगांव के द्वारा इस अवैध निर्माण की शिकायत तहसील कार्यालय में दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद एसडीएम, तहसीलदार और भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन की टीम शनिवार को मौके पर पहुंची थी।

 शिक्षा विभाग ने दी गलत जानकारी

सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्रशासन को यह जानकारी दी कि इस बिल्डिंग में कोई छात्र नहीं पढ़ता, जबकि मौके पर पहुंचने पर अधिकारी यह देखकर हैरान रह गए कि कक्षाओं में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। इससे प्रशासनिक टीम असमंजस में पड़ गई और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।

PunjabKesariग्रामीणों में बंटा मत, हुआ पंचायत स्तर पर फैसला

अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के सामने ग्रामीण दो पक्षों में बंट गए।
एक पक्ष ने कहा कि “यह चारागाह की जमीन है, स्कूल हटाया जाना चाहिए।” जबकि दूसरा पक्ष बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए बोला “अगर स्कूल तोड़ा गया तो बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ेगा।

स्थिति को शांत करने के लिए ग्राम पंचायत और ग्रामीणों की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि  1 एकड़ चारागाह भूमि में से आधे हिस्से पर किए गए निर्माण को दाऊराम यादव स्वयं तोड़ेंगे, और शेष भवन को 3 वर्षों के भीतर पूरी तरह खाली कर दिया जाएगा।

इस समझौते के बाद प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई स्थगित कर दी और टीम बिना तोड़फोड़ के वापस लौट गई।

 सवाल बरकरार अतिक्रमण या शिक्षा?

दारगांव की यह घटना एक बड़ा सवाल छोड़ जाती है। क्या शिक्षा के नाम पर अतिक्रमण को सही ठहराया जा सकता है, या सरकारी जमीन की रक्षा के लिए सख्ती जरूरी है?

ग्रामीणों के फैसले से फिलहाल विवाद शांत हो गया है, लेकिन प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अगर तय अवधि में भूमि खाली नहीं की गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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Content Editor

Himansh sharma

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