BJP विधायकों से पंगा और नप गए कलेक्टर! 24 में से 7 IAS विवादों में घिरे, नेताओं से हुए विवाद ने करा दिया तबादला!
Wednesday, Oct 01, 2025-05:47 PM (IST)

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार को 12 जिलों के कलेक्टरों सहित 24 IAS अफसरों के तबादले कर दिए हैं। इनमें से 7 अफसर ऐसे हैं जो लगातार विवादों में घिरे रहे। खास बात यह है कि डिंडोरी और भिंड कलेक्टर को बीजेपी विधायकों से विवाद के बाद हटाया गया है।
जानिए किन अफसरों पर क्या आरोप लगे
- नेहा मारव्या (कलेक्टर डिंडोरी): 2011 बैच की अफसर को पहली बार कलेक्टर बनाया गया था। लेकिन 8 महीने में ही हटा दिया गया। शहपुरा के विधायक और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने उन पर कार्यप्रणाली और ग्रामीणों से अभद्र व्यवहार के आरोप लगाए थे। अब उन्हें भोपाल में संचालक बनाया गया है।
- संजीव श्रीवास्तव (कलेक्टर भिंड): विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह से विवाद के चलते उनका ट्रांसफर हुआ। विधायक ने उन पर खाद वितरण की लापरवाही और रेत चोरी के आरोप लगाए थे। अब वे लोक निर्माण विभाग में अपर सचिव होंगे।
- हरेन्द्र नारायण (कमिश्नर भोपाल नगर निगम): उन पर फोन न उठाने और जनता की समस्याओं की अनदेखी के आरोप लगे थे। अब उन्हें छिंदवाड़ा का कलेक्टर बनाया गया है।
- चंद्रशेखर शुक्ला (कलेक्टर सिंगरौली): जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी पर हाईकोर्ट से फटकार मिली थी। अब उन्हें राजस्व विभाग में उप सचिव बना दिया गया है।
- संस्कृति जैन (कलेक्टर सिवनी): उद्यानिकी विभाग की सहायक संचालक ने उनके खिलाफ मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। अब वे भोपाल नगर निगम में कमिश्नर होंगी।
- जमुना भिड़े: सरकारी जमीन बेचने की मंजूरी देने को लेकर विवादों में आई थीं। अब उन्हें निवाड़ी का कलेक्टर बनाया गया है।
- शीलेन्द्र सिंह (कलेक्टर छिंदवाड़ा): कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक बार उनके नाम का ज्ञापन कुत्ते के गले में टांग दिया था। संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें 7 दिन की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगाया था।
राजनीतिक दबाव और प्रशासनिक फेरबदल
सूत्रों के मुताबिक, कई IAS अफसरों का ट्रांसफर स्थानीय विधायकों और मंत्रियों की शिकायतों के बाद किया गया है। सरकार ने विवादास्पद अफसरों को जिलों से हटाकर विभागीय पदों पर भेजा है, जबकि कुछ को नए जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।