2022 में हुई परीक्षा में नकलचियों ने तोड़ा पिछले दस साल रिकार्ड... परीक्षा विभाग ने कोरोना कॉल की ऑनलाइन परीक्षाओं को ठहरा जिम्मेदार
Monday, Oct 17, 2022-07:36 PM (IST)

इंदौर(सचिन बहरानी): पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड साल 2022 में हुई अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षाओं में नकलचियों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए दिल खोल के नकल की और नकलचियों का आंकड़ा 15 सौ तक पहुंच गया...ये कहना है देवी अहिल्या विश्व विद्यालय की असिस्टेंट रजिस्ट्रार रचना ठाकुर का। विश्वविद्यालय द्वारा यूजी और पीजी की आयोजित की गई इस साल की परीक्षाओं में लगभग सभी कोर्सेज के छात्रों की परीक्षाएं हुई थी। परीक्षाओं के दौरान आकस्मिक निरीक्षण करने वाला उड़नदस्ता जो परीक्षा केंद्र पर पहुंचा तो परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थी अपने अपने तरीके से नकल करते पकड़े गए। शंका होने पर जब तलाशी ली गई तो बात साफ हुई कि परीक्षा देने वाला नकल करा रहा था। अब परीक्षाओं का कार्यकाल पूरा हुआ। परीक्षाओं में यूएफएम को लेकर परीक्षा विभाग के जिम्मेदार से बात की गई तो उन्होंने इस आंकड़े को पिछले 10 सालों की तुलना करते हुए बड़ा आंकड़ा सामने आना बताया...।
परीक्षा में नकल प्रकरण हर साल बनते हैं लेकिन उनकी संख्या कभी भी यहां तक नहीं पहुंची जो साल 2022 में यूजी और पीजी परीक्षाओं में जा पहुंचे 1500 नकल प्रकरण परीक्षा विभाग ने इस साल बनाए हैं जिसमें यूजी और पीजी के सभी कोर्सेस के नकलची छात्र शामिल है। 15 सौ नकलचियों को लेकर परीक्षा विभाग की रचना ठाकुर ने पिछले 2 सालों में कॉल के दौरान परीक्षा के बदले परिवेश और छात्रों को पढ़ाई से दूर रहना मुख्य कारण माना। हालांकि बनाए गए नकल प्रकरण अब नियम अनुसार यूएफएम कमेटी के सामने रखे हैं और विधिवत तौर से इन प्रकरणों पर सुनवाई शुरू हुई है। साल 2022 में हुई परीक्षाओं में इस बढ़ते आंकड़े को लेकर माना जा सकता है कि कोविड-19 दौरान सरकार द्वारा छात्रों की परीक्षा ऑनलाइन और ओपन बुक प्रणाली से ली गई थी जिसमें अध्ययनरत छात्रों ने परीक्षाएं देते हुए अपनी सिलेबस को पूरा किया था। ऑफलाइन परीक्षाओं में क्लास रूम में बैठकर प्रोफ़ेसर के सामने परीक्षा देने में छात्रों को भी दिए जाने वाले पेपर का पूरा ज्ञान होना अति आवश्यक है। गुजरे 2 सालों में जिस तरह से ऑनलाइन और ओपन बुक परीक्षा ली गई उसी के चलते छात्रों की पढ़ाई में रुचि कम हुई और हुई परीक्षा में पास होने के मकसद से छात्रों ने नकल का सहारा लिया और उड़न दस्ते की नजर में आए और दस्ते द्वारा बनाया गया नकल करने वाले छात्र पर यू एस एम का केस।
आपको बता दें कि परीक्षा हॉल में बैठकर नकल के नए-नए तरीके और बदलती तकनीक का इस्तेमाल भी छात्र जमकर कर रहे हैं। जैसा कि पिछले दिनों मेडिकल की परीक्षा के दौरान 1 छात्रों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को अपने शरीर में छुपा कर नकल का मामला सामने आया था जिसे उड़न दस्ते ने पकड़ा था।