CJI पर जूता उछालने वाले वकील ने माफी मांगने से किया इंकार, बोले- कोई पछतावा नहीं
Tuesday, Oct 07, 2025-03:48 PM (IST)

नई दिल्ली/भोपाल : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश बीआर गवई पर कोर्टरूम में जूता फेंकने वाले आरोपी वकील राकेश किशोर का बयान सामने आया है। उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि उन्हें इस घटना का कोई अफसोस नहीं है और वह इसके लिए माफ़ी नहीं मांगेंगे।
रिहाई के अगले दिन मीडिया से बातचीत में राकेश किशोर ने अपने कृत्य पर कोई अफ़सोस न होने की बात कही। उन्होंने दावा किया कि उनका यह कदम सीजेआई की हरकत पर उनकी प्रतिक्रिया थी। वकील ने 16 सितंबर को कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका का ज़िक्र किया, जिस पर CJI ने कथित तौर पर मज़ाक उड़ाते हुए कहा था, "जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लगाने को कहो।"
आरोपी वकील ने विरोध जताते हुए कहा, "जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सुप्रीम कोर्ट ऐसे आदेश देता है। याचिकाकर्ता को राहत मत दो, लेकिन उसका मज़ाक भी मत उड़ाओ।"उन्होंने आगे कहा कि वह दुखी थे और नशे में नहीं थे और CJI को अपने पद की गरिमा के अनुरूप बयान देने चाहिए।
#WATCH | Delhi: Suspended Advocate Rakesh Kishore, who attempted to hurl an object at CJI BR Gavai, says, "...I was hurt...I was not inebriated, this was my reaction to his action...I am not fearful. I don't regret what happened."
— ANI (@ANI) October 7, 2025
"A PIL was filed in the Court of CJI on 16th… pic.twitter.com/6h4S47NxMd
राकेश किशोर ने कहा कि यह घटना उन्होंने नहीं बल्कि ‘परमात्मा की इच्छा’ से हुई। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब चाहे उन्हें इसके लिए जेल जाना पड़े या कोई अन्य सजा मिले, वह स्वीकार करेंगे। 72 साल के राकेश किशोर ने न्यायधीशों पर भी सवाल उठाया। उनका कहना है कि अदालतों में लाखों-करोड़ों मामले पेंडिंग हैं और इसी वजह से लोगों को न्याय मिलने में देरी होती है। उन्होंने कहा, “अदालतों की संवेदनशीलता बढ़ानी चाहिए। आखिर मैं कब तक इस तरह की घटनाएं झेलता रहूंगा?”
CJI News Today: भगवान विष्णु पर की थी टिप्पणी
हाल ही में सीजेआई गवई ने भगवान विष्णु पर एक विवादित बयान दिया था, जिसको लेकर हिंदूओं ने उनकी आलोचना की थी। भगवान विष्णु की मूर्ति को पुनर्स्थापित करने के एक मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई गवई ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह भगवान विष्णु से ही कहे कि वो स्वंय अपनी मूर्ति पुनर्स्थापित करलें, क्योंकि अदालत ने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया है। जब उनकी टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं भड़कीं, तो मुख्य न्यायाधीश गवई ने स्पष्ट किया कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।