DM के आते ही फूट-फूट कर रोया मुसाफिर… छलक पड़ा दर्द, कलेक्टर ने हाथ जोड़कर मांगी माफी

Wednesday, Dec 03, 2025-01:49 PM (IST)

दमोह। सर्द रात… तेज ठिठुरन… और अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर बैठे कुछ मुसाफिर। जैसे ही जिले के कलेक्टर सुधीर कोचर रैन बसेरों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे, अचानक एक युवक फफक-फफक कर उनके पैरों में गिर पड़ा। उसकी रुलाई ऐसी थी जैसे वर्षों का दर्द निकल आया हो। कलेक्टर ने वजह पूछी तो सामने आई ऐसी सच्चाई जिसने मौके पर मौजूद हर व्यक्ति को झकझोर दिया।

रैन बसेरे से धक्का देकर बाहर फेंक दिया गया था मुसाफिर

मुसाफिर ने बताया कि वह अपने परिजन का इलाज कराने अस्पताल आया था। रात में बस थोड़ी गर्मी की आस लेकर रैन बसेरे में पहुंचा, लेकिन कर्मचारियों ने उसे बेदर्दी से ठंड में बाहर धकेल दिया। यही नहीं, कई मुसाफिरों ने रो-रोकर बताया कि उन्हें अंदर घुसने ही नहीं दिया जाता, रात होते ही केयर टेकर दरवाजा बंद कर चले जाते हैं।

मुसाफिरों का दर्द सुनते ही कलेक्टर सुधीर कोचर ने सार्वजनिक रूप से हाथ जोड़कर माफी मांगी। उन्होंने कहा—

“यह मेरी जिम्मेदारी है… और इसकी गलती भी मेरी है।”

सारी स्थिति देखकर वे इतने आहत हुए कि मौके पर ही कर्मचारियों के निलंबन और रैन बसेरों की तुरंत व्यवस्था सुधारने के आदेश दे दिए।

लाखों की लागत वाली इमारतें… मगर मुसाफिर सड़क पर!

दमोह शहर के बीचों-बीच रैन बसेरों की दो बड़ी इमारतें हैं, जहां हर साल लाखों रुपये रंग-रोगन और व्यवस्थाओं पर खर्च किए जाते हैं। पलंग, गद्दे, रजाई सब खरीदे जाते हैं—
लेकिन हकीकत?
इमारतों पर ताला… और मुसाफिर ठंड में तड़पते हुए बाहर!

जिला अस्पताल का रैन बसेरा तो शराबियों का अड्डा बन चुका था। शराब की बोतलें, नशे में धुत लोग… और मुसाफिर बाहर कांपते हुए खड़े।

औचक निरीक्षण में सबका सच सामने आया

जैसे ही कलेक्टर पहुंचे, पूरा सिस्टम हिल गया।

रैन बसेरा खाली

गेट पर ताला

अंदर गद्दे धूल खा रहे

केयर टेकर गायब

मुसाफिर बाहर फुटपाथ पर

नगर पालिका अधिकारी भी कर्मचारियों की करतूत सुनकर दंग रह गए।

अब किसी मुसाफिर को ठंड में नहीं रुकना पड़ेगा”—कलेक्टर का वादा

कलेक्टर ने साफ कहा कि अब रैन बसेरे 24 घंटे खुले रहेंगे और हर जरूरतमंद को बिना किसी रोक-टोक के जगह मिलेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि

रैन बसेरों की रोज मॉनिटरिंग हो

केयर टेकर की जिम्मेदारी तय हो

शराबियों पर कार्रवाई हो

ठंड में कोई भी मुसाफिर सड़क पर न मिले


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Content Editor

Himansh sharma

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