लखनादौन नगर परिषद में हो गया खेल, अध्यक्ष मीना गोल्हानी के खिलाफ BJP पार्षदों ने पेश किया अविश्वास प्रस्ताव
Wednesday, Oct 29, 2025-06:06 PM (IST)
सिवनी (अब्दुल काबिज़ खान): नगर परिषद लखनादौन की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। नगर परिषद लखनादौन के निर्वाचित पार्षदों के तीन-चौथाई से अधिक सदस्यों ने अध्यक्ष मीना बलराम गोल्हानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। यह प्रस्ताव मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 47 के अंतर्गत जिला कलेक्टर सिवनी को सौंपा गया है।

पार्षदों ने अपने निवेदन पत्र में उल्लेख किया है कि यह कार्रवाई म.प्र. नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश 2025 के प्रावधानों के तहत की गई है, जो 9 सितम्बर 2025 से प्रभावी हुआ है।
पार्षदों का आरोप- “कर्तव्यों के निर्वहन में विफलता और कुप्रशासन”
अविश्वास प्रस्ताव में पार्षदों ने आरोप लगाया है कि अध्यक्ष मीना गोल्हानी नगर परिषद के कार्यों के कुशल संचालन में विफल रही हैं, जिससे स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था और जनहित के कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। पत्र में यह भी कहा गया है कि अध्यक्ष द्वारा सतत् कुप्रशासन और जनहित के विरुद्ध निर्णय लिए जा रहे हैं, जिसके चलते परिषद की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है।
अध्यक्ष मीना बलराम पर विश्वास नहीं रहा- मंजू किशन लाल साहू

पार्षदों का कहना है कि उन्हें अध्यक्ष मीना बलराम पर विश्वास नहीं रहा है। इसलिए 12 पार्षद चाहते हैं कि इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। वहीं पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष लखनादौन मंजू किशन लाल साहू का कहना है कि वो बीजेपी से हैं और ज्यादातर पार्षद भी बीजेपी से ही संबंध रखते हैं लेकिन उन्होंने कोई काम नहीं किया है और उनके वार्डों के कोई काम नहीं हो रहे हैं। इसिलए 15 पार्षदों में से 12 उनके खिलाफ कलेक्ट्रेट पहुंचे है।
प्रस्ताव में बताया गया है कि नगर परिषद लखनादौन के कुल 15 निर्वाचित पार्षदों का चुनाव मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 30 सितम्बर 2022 को सम्पन्न कराया गया था। इसके बाद 23 अक्टूबर 2022 को परिषद का प्रथम सम्मेलन आयोजित हुआ था, जिसमें मीना बलराम गोल्हानी को नगर परिषद लखनादौन की अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया था।
कलेक्टर के पास विचाराधीन मामला
यह प्रस्ताव जिला कलेक्टर सिवनी को सौंपा गया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेता है और आगे की प्रक्रिया किस प्रकार से संचालित की जाती है। स्थानीय राजनीतिक हलकों में इस घटनाक्रम को लेकर चर्चा तेज़ है, वहीं नागरिक भी परिषद की स्थिरता और विकास कार्यों को लेकर चिंता जता रहे हैं।

