कैंसर की चपेट में टीकमगढ़ का गांव खुमानगंज, दो साल में आधा दर्जन से अधिक की मौत
Thursday, Nov 10, 2022-05:43 PM (IST)

टीकमगढ़ (राजेश मिश्रा): टीकमगढ़ जिले के पलेरा जनपद अंतर्गत आने वाले गांव खुमानगंज में कैंसर के मामले लगातार सामने आने पर हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। गांव में भय का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि 2 साल में आधा दर्जन से अधिक लोगों की कैंसर से मौत हो गई है जबकि 6 से ज्यादा लोग अभी भी कैंसर से पीड़ित है। ग्रामीणों की मानें तो पिछले 2 से 3 साल में यहां कैंसर की 3 दर्जन से लगभग मामले सामने आ चुके हैं। यहा बीमारी 20 से 50 आयु वर्ग के लोगों को ही हो रही है। इससे पूरे गांव के लोग चिंतित बने हुए हैं।
1000 की आबादी वाला गांव खुमानगंज इन दिनों कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का गढ़ बनता जा रहा है। जैसे ही इसकी सूचना जिला सीएमएचओ डॉ पी के माहौर को लगी तो उनके द्वारा पलेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जांच टीम भेजी गई। सभी बीमार लोगों के सैंपल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के द्वारा लिए गए। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार लोग बीमार हो रहे हैं जिससे गांव में भय का माहौल है। गांव के लोगों ने बताया कि यहां सबसे ज्यादा गले, मुंह और लीवर कैंसर के पीड़ित मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट एवं बच्चादानी में कैंसर के मामले देखने को मिल रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो इस गांव के अलावा आसपास के गांव में ऐसी समस्या नहीं है। इसीलिए यह पता किया जाना जरूरी है कि आखिर ऐसी कौन सी वजह है जिसकी वजह से लोगों को कैंसर हो रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा गांव की नदी का भी सैंपल लिया गया। उनका कहना है कि जांच की जा रही है और जल्द ही समस्या की वजह व समाधान निकाला जाएगा।
वहीं गंभीर रूप धारण कर रही कैंसर की इस बीमारी की जांच के लिए बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव खमानगंज पहुंची। यहां पर टीम ने लोगों से मुलाकात की और वर्तमान में मरीजों के बारे में जानकारी ली। विभाग ने इस गांव की पूरी जांच कर फैल रही बीमारी के कारणों का पता करने के निर्देश दिए है। मामले में सीएमएचओ डॉ पीके माहौर ने बताया कि इस संबंध में पलेरा बीएमओ को निर्देश दिए गए है। उनसे गांव में हर कैंसर मरीज की जानकारी करने एवं घर-घर संपर्क कर मरीजों की जानकरी जुटाने के निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही गांव के पीने वाली पानी की भी जांच होगी ताकि पता किया जा सके कि कहीं पानी में तो कोई खराबी नहीं है। वहीं गांव के लोगों के खाने-पीने से लेकर हर आदत का पता करने के निर्देश दिए गए है।