अमीर और अधिकारी भी खा रहे गरीबों का राशन, राशन घोटाले ने मचाया हड़कंप, बड़े नाम आए सामने!
Friday, Oct 24, 2025-05:17 PM (IST)
धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना (राशन योजना) में बड़ा घोटाला (Scam) उजागर हुआ है। सरकारी नौकरी और आयकर के दायरे में होने के बावजूद 86 हजार से अधिक लोग योजना का लाभ ले रहे थे। प्रारंभिक जांच में राइस मिलर, रियल स्टेट व्यवसायी, इंजीनियर, आर्मी जवान, सरकारी अधिकारी-कर्मचारी, बड़े व्यापारी और 20 एकड़ से अधिक खेती करने वाले किसानों के नाम सामने आए हैं।
जिला खाद्य अधिकारी बसंत कोर्राम ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा चिन्हित सूची के बाद जिले में 86127 राशन कार्डों को संदेह के दायरे में रखा गया। इनमें 123 लोग सरकारी विभागों में डायरेक्टर स्तर के पद पर तैनात हैं। वहीं, 6 से 25 लाख रुपए वार्षिक आमदनी वाले 1569 लोग और 58,244 किसानों के पास 5 एकड़ से अधिक जमीन है, जो योजना का लाभ ले रहे थे। धमतरी जिले में कुल 493 राशन दुकानें संचालित हैं, जिनमें 61 शहर और 432 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। अब तक करीब 2500 राशन कार्डों का सर्वे किया गया है, जिनमें से 1300 कार्डों को निरस्त किया गया है। इसमें कई सरकारी अधिकारी, आयकरदाता, बड़े व्यापारी और बड़े किसान शामिल हैं।
केन्द्र सरकार के निर्देश के अनुसार वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत सभी राशनकार्डधारियों का आधार नंबर से लिंक अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा पैन कार्ड से लिंक होने के कारण आयकरदाता की जानकारी भी आसानी से प्राप्त हो रही है। साफ्टवेयर के जरिए ई-केवाईसी और आधार वेरिफिकेशन होने पर फर्जी लाभ लेने वाले राशनकार्ड स्वतः डिटेक्ट हो जाते हैं और उन्हें नियमानुसार निरस्त किया जा रहा है।
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि सर्वे पूरा होने के बाद फर्जी तरीके से लाभ लेने वाले सभी लोगों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे और उनसे वसूली भी की जा सकती है। जिले में कुल 2,58,990 राशन कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें अंत्योदय के 52,949, निराश्रित 524, प्राथमिकता वाले 1,80,133, निशक्तजन 462 और एपीएल के 24,922 कार्ड शामिल हैं। छत्तीसगढ़ खाद्य विभाग (Chhattisgarh Food Department) की इस कार्रवाई से स्पष्ट हो गया है कि अब कोई भी सरकारी अधिकारी, व्यापारी या बड़े किसान राशन योजना का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे।

