देवता के दर्शन मात्र से ही हो जाती है कुंवारों की शादी! 'बिल्लम बावजी' बना देते हैं जोड़ी
Wednesday, Mar 12, 2025-10:05 PM (IST)

जावद। (सिराज खान): वैसे तो देशभर में बहुत से ऐसे देवी देवताओं के मंदिर हैं, जो लोगों के कष्ट दूर करते हैं। लोगों की मन्नतें पूरी करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी कुंवारों के देवता के बारे में सुना है? इनके दर्शन मात्र से ही कुंवारों की शादी हो जाती है। यह देवता मध्य प्रदेश के नीमच जिले के जावद नगर में स्थित हैं। जिन्हें 'बिल्लम बावजी' के नाम से जाना जाता है।
मान्यता है कि जावद के बिल्लम बावजी के यहां मन्नत मांगने से योग्य वर-वधु मिलते हैं। इसी के चलते सालों से लोग बिल्लम बावजी को पूजते आ रहे हैं। जावद नगर के पुरानी धानमंडी जावद में कुंवारों के देवता बिल्लम बावजी की चल मूर्ति विराजित है। ऐसा माना जाता है कि 19 मार्च रंगपंचमी से 27 मार्च रंगतेरस तक इनके दर्शन व पूजा करने से कुंवारों की मनोकामना पूरी होने के साथ ही उनकी शादी हो जाती है। रंगपंचमी से जावद नगर में कुंवारों के देवता बिल्लम बावजी विराजित होंगे। अब ये देवता रंगतेरस यानि आने वाले 27 मार्च तक कुंवारों व शादीशुदा जोड़ों को दर्शन देंगे। इसमें भक्तों द्वारा विधि-विधान से बिल्लम बावजी की पूजा कर नगर भ्रमण कराया जाएगा। इसके साथ ही नियत स्थान पर उन्हें विराजित किया गया।
बिल्लम बावजी हैं कुंवारों के देवता
नगर के प्रवीण सोनी व राजेंद्र बोहरा ने बताया कि चमत्कारिक बिल्लम बावजी की मूर्ति नगर के श्री रिद्धि-सिद्धि गणपति मंदिर में रहती है। इस मूर्ति को रंगपंचमी के दिन निकाला जाता है। स्थापना के 9 दिन बाद इस मूर्ति को पुनः मंदिर में स्थापित करते हैं। इन 9 दिनों में कुंवारे युवक-युवतियां पूजा-अर्चना कर अपनी शादी के लिए मन्नतें मांगते हैं। कुंवारे लोगों के लिए बिल्लम बावजी का स्थान एक चमत्कारिक देवस्थल बन चुका है। रहवासियों के अनुसार पूर्व में इस देव स्थान पर आने वालों की संख्या बेहद कम थी, लेकिन चमत्कार के कारण वर्तमान में यहां कुंवारों का तांता लगा रहता है। यहां कुंवारों के अलावा उनके माता-पिता साथ में अन्य परिजन भी उनकी संतान की जल्द शादी के लिए मन्नत मांगने पहुंचते हैं। अभी तक मन्नत मांगने वाले सैकड़ों कुंवारों की शादियां हो चुकी है। इसी कारण बिल्लम बावजी को भक्त कुंवारों के देवता भी कहते है।
500 कुंवारों की हो चुकी है शादी
नगर के व्यापारी नवीन पुरोहित व अंकित जोशी ने बताया कि पिछले वर्षों में करीब 2500 कुंवारों ने बिल्लम बावजी के दर्शन किए। इनमें से 500 लोगों की शादी हो चुकी है। इस बार भी रंगपंचमी के दिन सुबह से ही बड़ी संख्या में कुंवारे दर्शन करने के लिऐ आ रहे हैं। यह सिलसिला रंग तेरस यानि 6 अप्रैल तक जारी रहेगा।
नव दंपती संतान प्राप्ति के लिए मांगते हैं मन्नत
शादी होने की मन्नत पूरी होते ही दंपती एक साथ बिल्लम बावजी के चरणों में माथा टेकते हैं। वे संतान प्राप्ति की मन्नत मांगते हैं। मन्नत पूरी होते ही संतान को भी बावजी का आशीर्वाद दिलाते हैं।