‘मरने के बाद भी डॉक्टर करते रहे इलाज,वसूली मोटी रकम ’MP के इस अस्पताल पर लगे गंभीर आरोप

Thursday, Sep 18, 2025-02:51 PM (IST)

राजगढ़: मध्यप्रदेश के राजगढ़ में इलाज के नाम पर बड़ा लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां पचोर के आरोग्य हॉस्पिटल में भर्ती 35 वर्षीय महिला दुर्गाबाई की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने चार दिनों तक इलाज के नाम पर करीब 90 हजार रुपये वसूल लिए, लेकिन महिला का इलाज किसी एमबीबीएस या स्पेशलिस्ट डॉक्टर द्वारा नहीं, बल्कि बीएचएमएस डिग्रीधारी डॉक्टर जितेंद्र नागर कर रहे थे।


झूठी जानकारी देकर परिजनों को रखा अंधेरे में
परिजनों के अनुसार, महिला को 14 सितंबर को खून की कमी बताकर एक साथ चार यूनिट रक्त चढ़ाया गया। इसके बाद चार दिनों तक परिवार को स्वास्थ्य में सुधार की झूठी जानकारी दी जाती रही। बीती रात महिला की मौत हो गई, लेकिन डॉक्टर ने एनएस की बोतल चढ़ाकर उसे जिंदा दिखाने की कोशिश की। जब परिजनों ने शरीर छूकर देखा तो वह ठंडा हो चुका था और कोई धड़कन नहीं थी। इसके बावजूद डॉक्टर ने रेफर करने की बात कही, लेकिन न तो रेफर पर्चा दिया और न ही इलाज का ब्यौरा।


बीएचएमएस डॉक्टर चला रहा गंभीर मरीजों का इलाज
हैरानी की बात यह है कि अस्पताल में आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर बने हुए हैं, लेकिन गंभीर मरीजों का इलाज बीएचएमएस डिग्रीधारी डॉक्टर कर रहा है। सवाल उठ रहा है कि क्या किसी होम्योपैथिक डॉक्टर को गंभीर मरीजों का इलाज करने का अधिकार है?


अस्पताल के बाहर शव रखकर प्रदर्शन
महिला की मौत से गुस्साए परिजनों ने शव को अस्पताल के बाहर रखकर जमकर प्रदर्शन किया। सूचना पर पुलिस और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और समझाइश देकर शव को पोस्टमार्टम के लिए शासकीय अस्पताल भेजा गया।


डॉक्टर का बचाव
डॉक्टर का कहना है कि महिला को ब्लड की गंभीर कमी थी और उसे अचानक अटैक आया, जिसकी वजह से मौत हुई। इस घटना ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों और स्थानीय लोगों की मांग है कि अस्पताल संचालक और लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर अस्पताल को बंद किया जाए। लोगों का कहना है कि यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि मरीजों की जान से खिलवाड़ है, जिस पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।

 


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Content Writer

Vikas Tiwari

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