मेहनत शिवराज की, लेकिन CM बने मोहन, 2 साल बाद मामा का छलका दर्द, बताया कि कैसा लगा था
Tuesday, Nov 18, 2025-02:05 PM (IST)
भोपाल: साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बावजूद मुख्यमंत्री न बनाए जाने पर शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार खुलकर अपने मन की बात साझा की। कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि यह उनके लिए ‘परीक्षा की घड़ी’ थी। उन्होंने बताया कि जब तय हुआ कि मुख्यमंत्री पद मोहन यादव को मिलेगा, तो अलग-अलग प्रतिक्रिया हो सकती थी, लेकिन उन्होंने धैर्य और संगठन के प्रति वफादारी दिखाते हुए खुद मोहन जी का नाम प्रस्तावित किया।
शिवराज ने कहा, कि ‘जब तय हुआ कि मुख्यमंत्री मोहन जी होंगे तो मेरे माथे पर बल नहीं पड़ा। अलग-अलग रिएक्शन हो सकते थे, मुझे गुस्सा आ सकता था, लेकिन दिल ने कहा, कि ये तेरी परीक्षा की घड़ी है, चेहरा शांत रखना। आज तू कसौटी पर खड़ा है।’ विश्लेषकों के अनुसार, साल 2023 के चुनाव में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत में शिवराज की लाड़ली बहना योजना का बड़ा योगदान रहा, जिसने महिला मतदाताओं पर गहरा प्रभाव डाला।
हालांकि मुख्यमंत्री पद राज्य में मोहन यादव को सौंपा गया, इसके कुछ महीनों बाद शिवराज सिंह चौहान को साल 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में मंत्री पद देकर राष्ट्रीय राजनीति में मजबूत भूमिका सौंपी गई। शिवराज के इस खुलासे ने यह स्पष्ट कर दिया कि सत्ता परिवर्तन की उस घड़ी में उनके मन में क्या चल रहा था और उन्होंने किस तरह अपने धैर्य और संगठन के प्रति वफादारी निभाई।

