सजा पूरी, फिर भी रेपिस्ट को जेल में रखा, SC ने MP सरकार को दिया 25 लाख मुआवजा देने का निर्देश
Tuesday, Sep 09, 2025-02:20 PM (IST)

भोपाल: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को एक कैदी को 25 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह कैदी अपनी सजा पूरी करने के बाद भी चार साल सात महीने तक जेल में बंद रहा। जस्टिस जेबी पारदीवाला और केवी विश्वनाथन की बेंच ने इस घटना को बेहद चौंकाने वाला बताते हुए कहा कि यह मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है, जिसे किसी भी हाल में माफ नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
बेंच ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कैदियों को सजा पूरी होने या जमानत मिलने के बाद भी जेल में रखना गंभीर लापरवाही है। कोर्ट ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेश दिया है कि प्रदेश की सभी जेलों में सर्वे कर यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई कैदी अपनी तय सजा से अधिक न रहे।
सोहन सिंह का मामला
यह मामला सोहन सिंह नामक कैदी से जुड़ा है, जिसे 2005 में सागर जिले की खुरई अदालत ने रेप, घर में घुसपैठ और धमकी के मामले में दोषी ठहराकर उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, 2017 में हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष की कमियों का हवाला देते हुए उसकी सजा को घटाकर सात साल कर दी। बावजूद इसके, सोहन सिंह को जेल से रिहाई नहीं मिली और उसने तय सजा से करीब 4.7 साल ज्यादा जेल में बिताए।
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वकीलों की दलीलें
सोहन सिंह की ओर से अधिवक्ता महफूज अहसन नाजकी ने कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार ने भ्रामक हलफनामे दाखिल किए, जिनमें अतिरिक्त कारावास की अवधि को गलत तरीके से बढ़ाकर बताया गया। इस पर कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई और जवाबदेही तय करने की बात कही।
सामाजिक दृष्टि से चिंता
यह मामला न केवल सरकारी लापरवाही का उदाहरण है बल्कि यह भी दिखाता है कि प्रशासनिक चूक कैसे किसी व्यक्ति के जीवन और मौलिक अधिकारों पर गहरा असर डाल सकती है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश अब जेल प्रशासन और राज्य सरकार के लिए एक चेतावनी और जिम्मेदारी दोनों साबित होगा।