दिग्विजय सिंह को केंद्र सरकार ने दी बड़ी जिम्मेदारी, 3 अन्य कांग्रेस नेताओं के नाम भी शामिल
Thursday, Oct 02, 2025-12:42 PM (IST)

भोपाल/दिल्ली : केंद्र सरकार ने संसद में 24 स्थायी समितियों के गठन पर अंतिम मुहर लगा दी है। इनमें से 11 समितियों की जिम्मेदारी BJP को सौंपी गई है। कांग्रेस को 4, टीएमसी और डीएमके को 2-2 समितियां दी गई हैं। वहीं समाजवादी पार्टी, जेडीयू, एनसीपी, टीडीपी और शिवसेना को 1-1 समिति की जिम्मेदारी मिली है। खास बात यह है कि सभी समितियों के मौजूदा अध्यक्षों को बरकरार रखा गया है, किसी में बदलाव नहीं किया गया।
दिग्विजय सिंह बने समिति अध्यक्ष
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें महिला, बाल विकास, शिक्षा और युवा मामलों से जुड़ी संसदीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा डीएमके सांसद टी. शिव को उद्योग समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि जेडीयू के संजय कुमार झा को परिवहन समिति की जिम्मेदारी दी गई है।
शशि थरूर को बड़ा फायदा
कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सबसे बड़ा लाभ हुआ है। वे अगले एक साल तक विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष बने रहेंगे। इसी तरह भाजपा सांसद निशिकांत दुबे समेत अन्य नेताओं को भी अपने-अपने पद पर बरकरार रखा गया है।
क्या होती हैं संसदीय स्थायी समितियां?
संसदीय स्थायी समितियां संसद के स्थायी निकाय मानी जाती हैं। इनमें लोकसभा और राज्यसभा के तय संख्या में सांसद शामिल रहते हैं। इनका मुख्य काम होता है—
प्रस्तावित कानूनों की जांच करना,
सरकारी नीतियों की समीक्षा करना,
बजट आवंटन का बारीकी से अध्ययन करना।
ये समितियां मंत्रालयों से साक्ष्य और जवाब-तलब कर सरकार को जवाबदेह बनाती हैं।
'मिनी संसद' की तरह काम
जब संसद का सत्र नहीं चलता, तब स्थायी समितियां सक्रिय होकर ‘मिनी पार्लियामेंट’ की तरह कार्य करती हैं। इनमें सांसद गहराई से नीति और विधायी मसलों पर चर्चा और निरीक्षण कर पाते हैं, ताकि संसद सत्र में सीधे बेहतर सुझाव और सिफारिशें रखी जा सकें