स्ट्रेचर पर तड़पता रहा मासूम, दादी पकड़ती रहीं ड्रिप… इलाज की देरी ने ले ली जान

Thursday, Oct 09, 2025-04:57 PM (IST)

रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल (SGMH) में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। 13 साल का मासूम मनीष साहू, जो बिजली गिरने से झुलस गया था, अस्पताल के गलियारों में जिंदगी और मौत से जूझता रहा। परिजन इलाज की आस में भटकते रहे, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही ने उसकी जान ले ली।

ड्रिप पकड़े खड़ी रही दादी, स्टाफ करता रहा टालमटोल

परिजनों ने बताया कि बच्चे को स्ट्रेचर पर लिटाकर जब वे पहुंचे, तो किसी ने भी समय पर उसे भर्ती नहीं किया। बर्न वार्ड ने भर्ती करने से इनकार किया, फिर 7 नंबर वार्ड ने भी। इस बीच बच्चे को ड्रिप लगाने के लिए भी परिजनों को गिड़गिड़ाना पड़ा। आखिरकार नर्सिंग स्टाफ ने ड्रिप तो लगाई, लेकिन उसे पकड़कर खड़ा करने की जिम्मेदारी भी दादी पर छोड़ दी। दादी घंटों हाथ ऊपर उठाए बोतल थामे रहीं, जबकि उनका पोता तड़पता रहा।

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2 घंटे तक इलाज शुरू नहीं हुआ

जांच रिपोर्ट में साफ हुआ है कि विभागों के बीच तालमेल न होने से मनीष का इलाज दो घंटे देर से शुरू हुआ। यह वही दो घंटे थे, जिनमें उसकी हालत बिगड़ती चली गई। मजबूर परिजनों ने सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत की, तब जाकर उसे भर्ती किया गया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

पन्ना से रेफर होकर आया था मनीष

मनीष को 30 अगस्त को बिजली गिरने से चोट लगी थी। पन्ना जिला अस्पताल में भर्ती रहने के बाद हालत बिगड़ने पर उसे रीवा रेफर किया गया। यहां इलाज में देरी के चलते उसकी मौत हो गई।

जांच में अस्पताल की लापरवाही साबित

मामला सामने आने के बाद अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई। रिपोर्ट में माना गया कि विभागों के बीच समन्वय की भारी कमी और इलाज शुरू करने में हुई देरी ने बच्चे की जान ले ली।

यह मामला सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि अस्पतालों की उस व्यवस्था पर बड़ा सवाल है, जहां मरीज का जीवन समय पर इलाज नहीं, बल्कि फाइलों और औपचारिकताओं के जाल में उलझकर खत्म हो जाता है।


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Content Editor

Himansh sharma

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