कम नहीं है इनका जज्बा, 101 वर्षीय फातिमा प्रदेश को कोरोनामुक्त करने के लिए रख रही है रोजे

5/9/2020 6:03:18 PM

खरगोन(वाजिद खान): खरगोन जिले के बड़वाह शहर निमाड़ क्षेत्र में भीषण गर्मी से जहां नौजवानों के पसीने छूट रहे है, वही स्थानीय निवासी हज्जानी फ़ातिमा बेगम पति स्वर्गीय हाजी अब्दुल रहमान लोहार ने वैश्विक महामारी कोरोना से देश को बचाने के लिए रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखने शुरु किए हैं। वे 101 वर्ष की हैं और इन दिनों वह क़रीब 42-43 डिग्री तापमान में पवित्र माह रमज़ान के पूरे रोज़े रख रही हैं । फ़ातिमा बेगम का कहना है कि जब से उन्होंने होश संभाला है तब से ही वह लगातार रमज़ान माह के रोजे रखती आ रही है। फ़ातिमा बेगम इस उम्र में अपनी दिनचर्या के समस्त कार्य खुद ही करती हैं, आंखों से साफ़ देखने और कानों से बखूबी सुनने में उन्हें कोई तकलीफ़ महसूस नहीं होती है।

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कोरोना बीमारी से निजात के लिए करती है रोज़ाना दुआ...
फातिमा का कहना है कि वह क़रीब 13 वर्ष की आयु से ही रोजा रखती आई है। वर्तमान में लॉक डाउन का यह पीरियड देखकर वह दु:खी है, इससे पहले उन्होंने ऐसा दौर कभी नहीं देखा। जब पूरी दुनिया थम सी गई हो। वह अल्लाह से रोज़ाना पांचों वक़्त की नमाज़ में दुआ करती है कि इस वबा (कोरोना महामारी) बीमारी से पूरी दुनिया के लोगों को राहत मिलें और पहले की तरह ज़िन्दगी बहाल हो जाए।

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उनके पुत्र न्याज़ मोहम्मद ने बताया की उनकी उम्र 74 वर्ष है और वह बचपन से ही अपनी वालिदा ,माता, को रमज़ान के रोज़े रखते हुए देख रहे है और खुद भी पाबंदी से रोज़े रखते आ रहे है। पोते मुज़फ्फ़र हुसैन अगवान बताते है की सुबह सेहरी में वह सिर्फ़ चाय पीती है और एक पान खाती है जबकि इफ़तार के बाद रात खाना भी बहुत कम खाती है ।


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meena

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