निजी अस्पताल का कारनामा, लाखों रुपए बना दिया बिल, परिजनों ने आपत्ति जताई को डेडबॉडी देने से किया इंकार

5/8/2021 5:27:28 PM

उज्जैन: कोरोना संकट मेें जहां महामारी कहर बरसा रही है वहीं अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी कई शिकायतें सामने आ रही है। एक ऐसा ही मामला महाकाल की नगरी उज्जैन से सामने आया है जहां परिजनों का आरोप है कि उनके मरीज को जब भर्ती किया गया तब ऑक्सिजन भी खुद लाने को कहा और बीच में भी कई बार मंगवाया, इसके बावजूद मरीज की मौत हो गई और अब 8 दिन में 2 लाख 34 हजार का अस्पताल ने बिल बनाया है और उसके अलावा 60 हजार का मेडिकल का बिल भी थमा दिया। जब परिजनों ने इतने पैसे देने से मना किया तो अस्पताल प्रशासन ने डेडबॉडी देने से देने से इंकार कर दिया। परिजनों ने इसकी शिकायत एडीएम को की तो अस्पताल प्रशासन ने 1 लाख 64 हजार माफ़ कर दिए तब जाकर महिला का शव को परिजनों को सौपा गया, इधर मामले की जानकरी मिलते ही उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि हमने दो दिन पहले ही अस्पतालों के रेट तय किये है अगर किसी ने लिमिट पार कर बिल लगाया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।

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दरअसल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए निजी अस्पताल की मनमानी और बिलिंग को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही है। ऐसी ही एक शिकायत उज्जैन के सहर्ष अस्पताल की सामने आई, यहां पिछले 8 दिनों से भर्ती कोविड मरीज रामकली सुनहरे के परिजनों ने आरोप लगाया की अस्पताल प्रबंधन को 8 दिनों में लाखों रुपए देने के बाद भी आज मरीज की मौत हो गयी और कुल बिल 2 लाख 34 हजार का थमा दया, जब मृतक के परिजनों ने बिल पर आप्पत्ति ली तो अस्पताल प्रबंधन ने शव को देने से इंकार कर दिया, परिजनों ने कहा की 2 लाख 34 हजार का बिल बने जिसमे 3600 रुपए एक दिन के ऑक्सीजन के चार्ज, 60 हजार मेडिकल का बिल, रूम चार्ज 4500 रुपए प्रति दिन, 3500 रुपए डॉ की विजिटिंग फीस जोड़ दी गई है, मामला बिगड़ते देख परिजनों ने एडीएम को फोन लगा दिया जिस पर एडीएम ने अस्पताल प्रबंधन से बात कर कुल एक लाख 64 हजार माफ़ करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द करा दिया।


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Content Writer

meena

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