भिंड में ‘कलेक्टर बनाम विधायक’ की टक्कर! तलवार और साफ़ा: कलेक्टर ने दिखाया अपना वर्चस्व

Thursday, Sep 04, 2025-08:27 PM (IST)

भिंड। ज़िले में इन दिनों विकास कार्यों से ज़्यादा चर्चा एक अलग ही खींचतान की हो रही है। सवाल ये है कि यहां असली ताक़तवर कौन है—जनप्रतिनिधि या फिर अफसर? विधायक और कलेक्टर के बीच शुरू हुआ विवाद अब बैठकों से निकलकर शक्ति प्रदर्शन तक पहुंच गया है। बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की यह रस्साकशी अब जनता के बीच सबसे गर्म मुद्दा बन चुकी है। गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय का नज़ारा कुछ ऐसा था मानो कोई राजनीतिक अखाड़ा सजा हो। समर्थकों को बुलाया गया, सिर पर साफ़े बंधवाए गए, वैदिक मंत्रों के बीच स्वागत हुआ और मंच पर बाकायदा तलवार भेंट की गई। कलेक्टर ने मयान से तलवार निकालकर लहराया भी। अब सवाल उठ रहा है—क्या यह प्रशासनिक गरिमा है या सत्ता का शोऑफ?

जानकारी के मुताबिक, कलेक्टर ने अपने करीबियों को दफ़्तर में बुलाकर माहौल बनाने की कोशिश की। संदेश साफ़ था—“मेरे पीछे भी भीड़ खड़ी है।” लेकिन दूसरी ओर किसानों और संगठनों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा। हाल ही में किसान संगठनों ने क्षत्रिय महासभा के साथ मिलकर कलेक्टर के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

विधायक और कलेक्टर दोनों पहले ही कोतवाली में एक-दूसरे पर शिकायत दर्ज कर चुके हैं। यानी मामला अब व्यक्तिगत तकरार से आगे बढ़कर प्रशासन, राजनीति और जनता की उम्मीदों को भी प्रभावित करने लगा है। स्थानीय चर्चाओं में यह बात भी तैर रही है कि कलेक्टर का यह दिखावा कहीं तबादला टालने की रणनीति तो नहीं है।

लेकिन असलियत यह है कि किसानों की सबसे बड़ी समस्या—खाद की किल्लत—अब भी जस की तस है। तलवार लहराने और साफ़े बांधने से खेतों तक खाद नहीं पहुंचेगी। मगर लगता है कि इस समय अफसर और नेता, दोनों ही जनता की परेशानियों से ज़्यादा अपने वर्चस्व की जंग लड़ रहे हैं।


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Content Editor

Himansh sharma

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