MP में दो महीने से वेतन को तरस रहे संविदा स्वास्थ्यकर्मी, बच्चों को गोद में लेकर जताया दर्द
Monday, Dec 08, 2025-03:44 PM (IST)
गुना। (मिस्बाह नूर): जिले में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने दो महीने से वेतन न मिलने और 'सार्थक ऐप' पर हाजिरी की अनिवार्य पुष्टि को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर को ज्ञापन सौंपा। विरोध दर्ज कराने के दौरान कुछ महिला कर्मचारी अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर पहुंचीं और परिवार की तंग आर्थिक स्थिति उजागर की।
संविदा कर्मचारियों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के एमडी के उस आदेश पर आपत्ति जताई, जिसके तहत केवल संविदा कर्मचारियों का वेतन 'सार्थक ऐप' पर दर्ज हाजिरी के आधार पर भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। उनका तर्क है कि जब नियमित कर्मचारियों को बिना 'सार्थक ऐप' की पुष्टि के वेतन का भुगतान किया जा रहा है, तो यह बाध्यता केवल संविदा कर्मचारियों पर क्यों लागू की जा रही है?
कर्मचारियों ने बताया कि लगातार दो महीने से वेतन न मिलने के कारण वे गंभीर आर्थिक दबाव में हैं। उन्हें मकान का किराया चुकाना और वाहन में पेट्रोल डालवाना भी मुश्किल हो गया है। संविदा कर्मचारियों का कहना है कि वे विभाग में नियमित कर्मचारियों से अधिक मेहनत और काम करते हैं, फिर भी उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।
कर्मचारियों ने एक और अहम मुद्दा उठाया कि जिन कर्मचारियों की हाजिरी सार्थक ऐप की तकनीकी खामियों के चलते दर्ज नहीं हो पाई, उनसे अब लिखित शपथ पत्र मांगा जा रहा है, जबकि नियमित कर्मचारियों से ऐसा कोई शपथ पत्र नहीं लिया जा रहा। विभाग का यह आदेश नियमित और संविदा कर्मचारियों के बीच भेदभाव को उजागर करता है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की शिकायत सुनने के बाद, सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर ने उन्हें 7 दिनों के भीतर रुके हुए वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया। संविदा कर्मचारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों की निर्धारित अवधि में वेतन का भुगतान नहीं किया गया, तो वे दोबारा विभाग का दरवाजा खटखटाएंगे और अपना विरोध एवं आंदोलन शुरू करेंगे।
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