कानून-व्यवस्था पर डीजीपी कैलाश मकवाना की गहन समीक्षा बैठक, दिए ये जरूरी निर्देश
Tuesday, Oct 07, 2025-07:44 PM (IST)

भोपाल (इजहार खान) : मध्य प्रदेश में अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था, साइबर अपराध, नक्सल गतिविधियां और पुलिस प्रशासन के कार्यशैली में सुधार को लेकर पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाणा ने पुलिस मुख्यालय, भोपाल में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्रदेश के सभी जोनल आईजी, डीआईजी, एसपी और पुलिस विभाग की विभिन्न शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में पुलिस कार्यप्रणाली को अधिक पेशेवर, प्रभावी और जनहितैषी बनाने हेतु कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए गए। डीजीपी ने दिए निर्देश “सिर्फ अपराध नियंत्रण नहीं, विश्वास निर्माण भी प्राथमिकता”
डीजीपी मकवाणा ने कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखना नहीं, बल्कि जनता में विश्वास और सुरक्षा का वातावरण तैयार करना भी है। उन्होंने कहा कि वीवीआईपी कार्यक्रमों में पूर्ण सतर्कता, संवेदनशील मामलों में त्वरित व निष्पक्ष कार्रवाई, और साइबर अपराध, नशीले पदार्थों एवं नक्सल गतिविधियों पर ठोस कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्यों की सार्वजनिक रूप से सराहना होनी चाहिए और उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को तत्काल पुरस्कृत किया जाए।
भर्ती, स्टाफ ऑडिट और फोर्स प्रबंधन पर विशेष जोर
डीजीपी ने बताया कि 8500 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है, जिससे पुलिस बल को और मजबूती मिलेगी। उन्होंने स्टाफ ऑडिट प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने और फोर्स के प्रभावी उपयोग की रणनीति पर बल दिया। साथ ही सभी इकाइयों को निर्देशित किया गया कि मानसिक तनाव प्रबंधन (Stress Management) और माइक्रो बीट सिस्टम जैसे उपायों को लागू किया जाए, ताकि पुलिस कर्मियों की कार्यक्षमता और मानसिक संतुलन बेहतर हो।
डिजिटल पुलिसिंग को सशक्त बनाने के निर्देश
डीजीपी ने आधुनिक तकनीक आधारित प्लेटफार्म- डायल 112, सीसीटीएनएस, और जनसुनवाई पोर्टल- को अधिक प्रभावी और जनता के अनुकूल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता की शिकायतों पर त्वरित, संवेदनशील और निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए। सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए कि माननीय उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन प्राथमिकता से सुनिश्चित करें।
सिंहस्थ 2028 की तैयारी अभी से शुरू करने के निर्देश
बैठक में भविष्य में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ 2028 जैसे बड़े आयोजन की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई। डीजीपी ने कहा कि भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पहले से ठोस रणनीति बनाना जरूरी है।
पुलिस को बनाना है जनविश्वास का प्रतीक
डीजीपी मकवाणा ने कहा कि पुलिसिंग का मूल आधार अनुशासन, प्रोफेशनलिज्म और मानवीय संवेदनशीलता है। थाना स्तर पर आम नागरिकों से संवाद करते समय संयम, धैर्य और त्वरित कार्रवाई से ही पुलिस की सकारात्मक छवि बनती है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा, “जनता में भरोसा और पारदर्शिता बनाए रखना पुलिस की उतनी ही अहम जिम्मेदारी है, जितनी कि अपराध नियंत्रण।इस समीक्षा बैठक के माध्यम से प्रदेश में सशक्त, उत्तरदायी और संवेदनशील पुलिस व्यवस्था के निर्माण की दिशा में ठोस पहल की गई है। आने वाले समय में इन निर्णयों के ज़रिए मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था और पुलिसिंग में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है।