गुना वापस लौटी श्रुति नायक, बताया यूक्रेनियन सेना भारतीय छात्रों पर निकाल रही है गुस्सा, जाने क्यों

3/1/2022 7:25:20 PM

गुना (मिस्बाह नूर): यूक्रेन में युद्ध के हालात के बीच फंसे भारतीय छात्रों को केंद्र सरकार की तरफ से अंतिम अल्टीमेटम जारी किया गया है। इसी बीच यूरोपीय देश से छात्रों के वतन वापसी का सिलसिला भी जारी है। मंगलवार सुबह गुना जिले की छात्रा श्रुति नायक भी भारत लौट आई हैं। देश लौटकर श्रुति ने यूक्रेन सीमा पर भारतीय छात्रों के साथ हो रहे र्दुव्यवहार की जानकारी दी।

भारतीय छात्रों पर गुस्सा निकाल रही है यूक्रेनियन सेना

श्रुति ने बताया कि यूएन काउंसिल में यूक्रेन का समर्थन नहीं करने की वजह से यूक्रेनियन सेना भारतीय छात्रों पर अपना गुस्सा निकाल रही है। उनके साथ बॉर्डर पार करते हुए मारपीट की जा रही है। हालांकि उन्होंने केंद्र सरकार के प्रयासों को सराहा और भारत वापस लाने के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद दिया।

यूक्रेन में रहकर कर रही थी MBBS की पढ़ाई 

गुना में रहने वाले डीपी नायक की बेटी भी हजारों छात्रों की तरह यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। श्रुति ने भारतीय दूतावास की सलाह पर यूक्रेन से वापस लौटने के लिए 16 फरवरी को स्वदेश लौटने के लिए टिकट बुक कराया था। लेकिन फ्लाइट कैंसिल हो गई। इसके बाद भारत लौटने उन्होंने 3 मार्च का टिकट मिला। लेकिन कुछ दिन पहले ही पता चला कि युद्ध की वजह से दूसरी फ्लाइट भी रद्द कर दी गई। श्रुति इवानो मेडिकल कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रही थीं और युद्ध के हालात बनने पर वह किसी तरह यहां से 400 किलोमीटर दूर रोमानिया की सीमा पर पहुंच गईं।

ऐसे सकुशल लौटी श्रुति नायक

यहां रोमानिया के वॉलेंटियर श्रुति सहित ऐसे तमाम छात्रों का सहारा बने, जो यूक्रेन से शरणार्थी के रूप में पहुंच रहे हैं। इसी रोमानिया इलाके से भारतीय दूतावास के अधिकारी बस के जरिए श्रुति सहित कई छात्रों को एयरपोर्ट लेकर पहुंचे। इसके बाद 28 फरवरी की रात श्रुति नईदिल्ली लौटीं और चैन की सांस ली। 1 मार्च को बस से श्रुति गुना आई हैं। अपनी बेटी की सकुशल वापसी पर नायक परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। स्थानीय विधायक गोपीलाल जाटव ने श्रुति नायक से मुलाकात की। श्रुति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों के लिए उनका धन्यवाद दिया है। श्रुति नायक ने बताया है कि यूक्रेन के हालात काफी खराब हैं और समाचारों से मिल रही जानकारी से ज्यादा वहां विध्वंस हुआ है। जितने छात्र अभी यूक्रेन में रह गए हैं, वह डरे-सहमे हैं, जिन्हें जल्द सुरक्षित निकालना जरूरी है।


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News Editor

Devendra Singh

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