जीतू ने CM से मांगा जवाब! बोले- बस और ट्रांसपोर्ट माफिया BJP नेताओं के संरक्षण में जनता को कुचल रहा, आप कब तक तमाशा देखोगे?
Tuesday, Sep 23, 2025-03:58 PM (IST)

(इजहार खान):प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव पर तीखा हमला बोला है । X पर पोस्ट लिखते हुए जीतू पटवारी ने इंदौर–उज्जैन हाईवे पर दुर्घटनाओं , बस माफिया के आतंक और भाजपा विधायक गोलू शुक्ला की बस से हुई चार निर्दोषों की मौत पर जांच की मांग की है।
जीतू पटवारी लिखते हैं...
मुख्यमंत्री जी,
संदिग्ध-सत्ता के जंजाल में
जान/जीवन की कीमत "जीरो" क्यों है?
बेकसूर जिंदगी चक्कों में चकनाचूर क्यों है?
जीतू पटवारी लिखते हैं कि इंदौर-उज्जैन हाईवे पर हुई दुर्घटना को पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन वास्तविक अपराधी के साथ आपकी सरकार ने भी आपराधिक चुप्पी ओढ़ रखी है! इंदौर और उज्जैन की सड़कों पर सरकारी अराजकता और माफियाओं का तांडव आम जनजीवन को रौंद रहा है! दुर्भाग्य यह है कि जिन जिलों की जिम्मेदारी आपके पास है, वहीं सड़कें लाशों से पट रही हैं! जनता पूछ रही है, जब मुख्यमंत्री का गृह जिला उज्जैन और प्रभार वाला इंदौर ही सुरक्षित नहीं है, तो प्रदेश की बाकी जनता किस सिस्टम पर भरोसा करे?
18 सितंबर 2025 की रात धरमपुरी के पास रिंगनोदिया गांव में हुआ हादसा किसी साधारण दुर्घटना की तरह नहीं देखा जा सकता। बाइक सवार दंपती और उनके दो मासूम बेटों को एक तेज रफ्तार बस ने कुचल दिया। पुलिस जांच में सामने आया कि बस चालक मोबाइल पर बात करते हुए वाहन दौड़ा रहा था! यात्रियों ने टोका, लेकिन वह अनसुनी करता रहा।
चौंकाने और चिंता बढ़ाने वाला सच यह है कि बेकाबू चक्कों में जिंदगी को चकनाचूर करने वाली बस इंदौर विधानसभा क्रमांक 03 के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के कार्यालय से संचालित होती है। सवाल उठता है, जब बस किसी भाजपा विधायक के कार्यालय से चल रही हो, तो उसकी जिम्मेदारी तय क्यों नहीं हो? क्या विधायक के रसूख के कारण चार निर्दोष लाशों को यूं ही भुला दिया जाएगा?
जीतू ने आरोप लगाते हुए लिखा कि क्या यह सिर्फ संयोग है? या फिर सच यह है कि बस और ट्रांसपोर्ट माफिया भाजपा नेताओं के संरक्षण में आम जनता को कुचल रहे हैं? क्योंकि, अब ये केवल “आम-दुर्घटनाएं” नहीं रह गई हैं, यह एक व्यवस्था-गत विफलता है, जिसके लाभार्थी वही लोग हैं, जिनके राजनीतिक संरक्षण से ट्रेवल-ऑपरेटर और बस-मालिक आराम से नियम तोड़ते आ रहे हैं। अगर सरकार अभी भी स्पष्ट, त्वरित और कठोर कदम नहीं उठाती है, तो जनता का गुस्सा सड़क उबल कर बाहर आएगा।
जीतू ने हादसे पर कुछ मांगे की है
-विधायक गोलू शुक्ला की जवाबदेही तय की जाए। जिस बस से यह भयावह दुर्घटना हुई, उसके कागजात, परमिट और --संचालन संबंधी दस्तावेज़ सार्वजनिक किए जाएं।
-यदि बस का संचालन उनके परिवार/ऑफिस से जुड़ा है, तो विधायक पर आपराधिक मामला दर्ज हो।
-इंदौर और उज्जैन जिले में बस माफिया पर नकेल कसी जाए। जिन नेताओं की बसें नियम तोड़ती हैं, उनके परमिट तत्काल रद्द किए जाएं।
-ड्राइवर और हेल्पर की गिरफ्तारी के बाद गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए। उनका मोबाइल डाटा और कॉल रिकॉर्ड जब्त कर सच्चाई सामने लाई जाए।
-इंदौर और उज्जैन के बीच अब तक हुई दुर्घटनाओं को लेकर उच्चस्तरीय जांच। स्वतंत्र जांच समिति गठित कर 15 दिनों में रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए।
-पीड़ित परिवारों न्याय दिलवाने के लिए सरकार संवेदनशील बने। मृतकों के परिजनों को न्यूनतम ₹50-50 लाख का मुआवजा और उनके बच्चों की शिक्षा व परिवार की देखभाल की जिम्मेदारी राज्य सरकार ले।
जीतू पटवारी ने लिखा है कि बाबा महाकाल की नगरी से उठी चिंताएं, मां अहिल्या की नगरी तक पहुंच रही हैं! बार-बार एक ही सवाल पूछ रही हैं, क्या आपके नेतृत्व में इंदौर के मंत्री और विधायक माफियाओं के बचाव में खड़े रहेंगे और बेकसूर जिंदगियों की सांसों का सौदा करते रहेंगे? यदि अगले 72 घंटे के भीतर आपने ठोस कदम नहीं उठाए, तो कांग्रेस अदालत का दरवाज़ा खटखटाने पर बाध्य होगी।