माइनिंग डिपार्टमेंट द्वारा स्टाम्प ड्यूटी छुपाना पड़ा महंगा, संपत्ति कुर्क के लिए वारंट जारी

2/11/2021 1:38:43 PM

सिंगरौली (अनिल सिंह): स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन द्वारा 4 साल से स्टाम्प ड्यूटी चोरी के 11 करोड़ 52 लाख दबाना भारी पड़ गया। आरोप है कि तत्कालीन जिला पंजीयक द्वारा लगातार स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन को नोटिस जारी करने के बाद महाप्रबंधक जवाब देने से बच रहे थे। जिसके चलते जिला पंजीयन एवं अतिरिक्त तहसीलदार अभिषेक सिंह ने स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन के महाप्रबंधक सतेंद्र सिंह के खिलाफ RRC का प्रकरण दर्ज किया।

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सिंगरौली जिले में कोल माइंस के लिए स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन ने 8 साल पहले यहां आवेदन किया था। स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन के आवेदन पर स्वीकृत की गई थी। लेकिन कोल माइंस के अनुबंध के समय स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन ने कम स्टांप ड्यूटी लगाई थी। आपको बता दें कि माइनिंग कार्पोरेशन ने लीज की 17 साल की अवधि के लिए आवेदन किया था। जबकि खनिज संसाधन विभाग द्वारा माइनिंग कार्पोरेशन के उत्खनन के लिए 30 साल की अवधि स्वीकृत की गई थी। आरोप है कि माइनिंग कार्पोरेशन के महाप्रबंधक ने लीज की अवधि कम दिखा कर स्टांप ड्यूटी बचाने की कोशिश की थी स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन द्वारा लगातार कई वर्षों से स्टांप ड्यूटी का भुगतान करने से बचने की जानकारी अब सामने आने के बाद जिला पंजीयक ने कुर्की वारंट जारी किया है। डीआर ने नोटिस में यह चेतावनी दी है कि यदि 15 दिन के अंदर बकाया स्टांप ड्यूटी का भुगतान नहीं किया गया तो स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन की चल और अचल संपत्ति को कुर्क किया जाएगा।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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