बारिश ने किसानों को रुलाया, धान की फसल के साथ खरीफ की फसलें भी हो गई बर्बाद

7/5/2021 5:17:21 PM

शमशाबाद: विगत दो-तीन वर्षों से सोयाबीन उड़द की फसलों की पैदावार अच्छी न होने के कारण इस वर्ष नटेरन क्षेत्र के किसानों का रुझान धान की और बढ़ा और उन्होंने पहली बार धान लगाने का विचार किया पर किसानों को यह मालूम नहीं था कि उन्हें धान बोना और लगाना भारी पड़ जाएगा जिस दिन से किसानों ने धान की बौनी की है। उसी दिन से बारिश नहीं हुई और धूप भी इतनी तेज पड़ रही है कि जिन किसानों के पास ट्यूबवेल हैं और पानी  दे रहे हैं। वह पानी भी एक दिन में सूख जाता है।

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जून के माह में ही अच्छी बारिश होने की वजह से किसानों को लग रहा था किस वर्ष अच्छी बारिश होगी तो किसानों ने धान बोने का मन बनाया पर किसानों को धान बोना भारी पड़ रहा है। भारतीय किसान संघ मीडिया प्रभारी यशपाल रघुवंशी ने बताया की धान लगाने में पिछले वर्ष की तुलना में इस बर्ष किसानों की दोगुनी लागत लग चुकी है। इसके बाद भी पानी ना गिरने की वजह से धान पीली पड़ रही है और कुछ खेतों की तो धान सूख गई है खेतों में दरार पड़ गई हैं। यदि जल्दी ही पानी नहीं गिरा तो किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी ओर कई किसानों की धान तो सूख गई है और अब किसानों को फिर से बोनी करने के लिए बीज भी नहीं है।


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meena

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