राघौगढ़ युवराज का ग्वालियर महाराजा पर ट्विटर प्रहार! 1857 की क्रांति को लेकर साधा निशाना

5/10/2020 8:46:02 PM

भोपाल (इजहार हसन खान): एक समय था जब पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को पूर्व मंत्री और विधायक जयवर्धन सिंह सम्मानपूर्वक प्रणाम किया करते थे। उनके मान सम्मान में कोई कमी नही रहने देते थे। लेकिन अब सत्ता के बदलते घटनाक्रम ने सब कुछ बदल दिया है। अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी सिलसिले में राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह जिनको राघौगढ़ का युवराज कहा जाता है, उन्होंने आज ग्वालियर के महाराजा कहलाने वाले ज्योतियादित्य पर ट्वीट कर तंज कसा है। जयवर्धन ने ट्वीट कर लिखा है की ‘आज ही के दिन मेरठ से देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की मसाल जलाई गई थी। वह तो एक ‘महाराज’ की महत्वाकांक्षा आड़े आ गई थी, नहीं तो मंगल पांडे ,बहादुर शाह जफर, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के अमर बलिदान ने 1857 में ही आजादी का इतिहास लिख दिया होता’

 


दरअसल सन 1857 में आज ही के दिन 10 मई को मेरठ से देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का आगाज हुआ था। इसी को आधार बनाकर जयवर्धन ने ट्वीट किया है। यह सीधा कटाक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूर्वजों पर है। जिन पर आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के खिलाफ अंग्रेजों का साथ दिया था। जिसके कारण लक्ष्मी बाई की मौत हो गई थी। हालांकि कांग्रेस की ओर से अभी तक इस ट्वीट का कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है। लेकिन राजनीतिक हलकों में इस ट्वीट ने सरगर्मी बढ़ा दी है। इस टवीट ने ग्वालियर महाराजा सिंधिया और राघोगढ़ युवराज जयवर्धन सिंह के बीच शब्दरूपी जंग का आगाज़ कर दिया है।

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इससे पहले कल शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट कर ज्योतिरादित्य सिंधिया से कहा था कि ‘उनके पुरखे उनके लिए काफी संपत्ति छोड़ गए हैं और कोरोना काल में उन्हें उस संपत्ति में से लोगों को दान देना चाहिए, लेकिन सिंधिया इसके बजाय रिलायंस फाउंडेशन के आए राशन के पैकेट पर अपना नाम लिखकर लोगों में बांट रहे हैं’ फिलहाल सिंधिया की तरफ से दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के ट्वीट का कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि यह ट्विटर वार अब कहां तक जाती है।


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Vikas kumar

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