रतलाम: गढ़ कैलाश मंदिर में दूल्हे की तरह सजे भोलेनाथ, 1111 दीपों से होगी महाआरती

3/8/2024 5:04:55 PM

रतलाम(समीर खान): महाशिवरात्रि पर्व पर रतलाम के राजा प्राचीन गढ़कैलाश मंदिर पर प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया। सुबह से भक्त दर्शन व पूजापाठ करने पहुंचे साथ ही शहर के काशीविश्वनाथ मंदिर श्रीरत्नेश्वर महादेव, लोकेन्द्र नाथ मंदिर, मनकामेश्वर महादेव, मनमौजी महादेव, टेकेश्वर महादेव भक्त पूजा अर्चना करने पहुंचे। आज ढोल नगाड़ों गाजेबाजे के साथ भोलेनाथ को दूल्हा बनाकर शिव बारात निकाली जाएगा। शाम को गढ़कैलाश मंदिर पर 1111 दीपों से भगवान की महाआरती कर प्रसाद वितरण होगा।

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महाशिवरात्रि का यह पावन पर्व पर फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।

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मान्यता के इस दिन व्रत रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और जीवन में सुख स्मृति का आगमन होता है। कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं और जातक की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

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मान्यता है कि भगवान शिव शंकर बेहद दयाल और कृपालु है वह मात्र एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। पुराणों के अनुसार आज के दिन भगवान शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। बता दें कि हर माह आने वाली मासिक शिवरात्रि के साथ-साथ साल में पड़ने वाली महाशिवरात्रि काफी खास महत्व है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव ने ही धरती पर सबसे पहले जीवन के प्रचार प्रसार का प्रयास किया था। इसलिए भगवान शिव को आदि देव भी कहा जाता है।


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Content Writer

meena

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