नियमों का लाभ उठा फिर से बहाली के चक्कर में थे घोटाले के दोषी SDM,लेकिन विभाग ने बहाली से पहले ही कर दिया फिर निलंबित
Wednesday, Oct 01, 2025-05:42 PM (IST)

रायपुर (डेस्क): रायपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। बजरमुड़ा मुआवजा घोटाले में दोषी पाए गए तत्कालीन SDM अशोक मार्बल को GAD ने बहाली से पहले ही फिर से निलंबित करके संभावित लाभ लेने कोशिश को झटका दे दिया है। बजरमुड़ा में हुए भू-अर्जन के मुआवजा घोटाले में निलंबित तत्कालीन एसडीएम को सामान्य प्रशासन विभाग ने बहाली के पूर्व ही दोबारा निलंबित कर दिया है।
बजरमुड़ा मुआवजा घोटाले में दोषी पाए गए तत्कालीन SDM अशोक मार्बल
तमनार में छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कंपनी को आवंटित कोल ब्लाक गारे-पेलमा सेक्टर-३ के प्रभावित ग्राम बजरमुड़ा, करवाही, ढोलनारा में परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कि शिकायत हुई थी और जांच टीम ने प्रमाणित किया था। इसमें उस वक्त के एसडीएम अशोक कुमार मार्बल इसमें दोषी पाए गए। 5 जून 2025 को अशोक कुमार मार्बल को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन मामले में आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं हो पाया था।
90 दिनों के अंदर आरोप पत्र करना होता है पेश
आपको बता देते हैं कि नियमों के मुताबिक किसी भी प्रकरण में संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र प्रस्तुत करना होता है, अगर ऐसा न हो तो वह स्वमेव ही बहाल हो जाता है। इस समय तत्कालीन एसडीएम सारंगढ़ जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद थे लेकिन आरोप पत्र निश्चित अवधि में पेश न होने की स्थिति में डिप्टी कलेक्टर फिर बहाली की कोशिश में थे। इस मामले की काफी चर्चा हो रही थी और सामान्य प्रशासन विभाग ने इसको संज्ञान में लिया। लिहाजा इस समय सारंगढ़ जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर अशोक मार्बल को फिर से निलंबित किया है।
वहीं गौर करने वाली बात है कि घोटाले में दोषी पाए गए तत्कालीन अधिकारियों में तहसीलदार, वन विभाग के बीट गार्ड रामसेवक महंत, वरिष्ट उद्यानिकी अधिकारी संजय भगत और लोक निर्माण विभाग के इंजीनिीयर धर्मेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ अब तक न तो कोई एक्शन नहीं हुआ है जिस पर सवाल उठ रहे हैं। लिहाजा तत्कालीन SDM को बहाली से पहले ही फिर से निलंबन की गाज गिरी है।