संकुल समन्वयकों की नियुक्ति में नियमों की अनदेखी! धमधा के शिक्षक संगठनों ने उठाई आवाज, आंदोलन की दी चेतावनी
Tuesday, Sep 23, 2025-05:13 PM (IST)

धमधा (हेमंत पाल) : धमधा विकासखंड के शिक्षक मोर्चा से जुड़े विभिन्न शिक्षक संगठनों ने संकुल समन्वयक की प्रतिनियुक्तियों में नियमों की अनदेखी को लेकर जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग को घेरा है। संगठनों ने आरोप लगाया है कि शासन द्वारा निर्धारित योग्यता के बावजूद अधिकांश संकुलों में सहायक शिक्षकों को समन्वयक बना दिया गया है, जिससे न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता प्रभावित हो रही है बल्कि स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी भी उत्पन्न हो रही है।
नियमों के विरुद्ध प्रतिनियुक्ति
शिक्षक मोर्चा के नेताओं का कहना है कि शासन द्वारा संकुल समन्वयक के लिए उच्च वर्ग शिक्षक, शिक्षक (एलबी) या प्रधान पाठक को ही योग्य माना गया है। इसके लिए पूर्व में जिला शिक्षाधिकारी द्वारा शैक्षणिक योग्यता अनुसार प्रस्ताव भी आमंत्रित किए गए थे, लेकिन फौरी तौर पर नियमों को ताक पर रखते हुए ज्यादातर सहायक शिक्षकों को ही प्रतिनियुक्त किया गया।
शिक्षण व्यवस्था पर पड़ा सीधा असर
संगठनों ने यह भी बताया कि वर्तमान में धमधा विकासखंड में कुल 45 संकुल समन्वयक पदस्थ हैं, जिनमें से अधिकांश एकल या दो शिक्षकीय प्राथमिक स्कूलों से संबद्ध हैं। ऐसे में जब एकमात्र शिक्षक को संकुल कार्य में लगा दिया गया है, तो उनके मूल विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। साथ ही ये संकुल समन्वयक न तो शाला में समय पर उपस्थित हो पा रहे हैं, न ही नियमित रूप से कोई विषय पढ़ा रहे हैं, जिससे छात्रों का शिक्षण प्रभावित हो रहा है।
ज्ञापन देकर की कार्रवाई की मांग
संगठनों ने माननीय कलेक्टर दुर्ग को ज्ञापन सौंपते हुए स्पष्ट मांग की है कि:
सहायक शिक्षकों को संकुल समन्वयक पद से तत्काल मुक्त किया जाए
नियमों के अनुसार योग्य शिक्षक या प्रधान पाठक की प्रतिनियुक्ति की जाए
शिक्षकों को मूल शालाओं में लौटाकर शैक्षणिक ढांचे को सुदृढ़ किया जाए
चेतावनी: अनदेखी की तो करेंगे आंदोलन
शिक्षक मोर्चा के संचालकगण मदन साटकर, युवराज साहू, संजय शर्मा और उत्तम ठाकुर ने संयुक्त बयान में चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही प्रतिनियुक्तियों में सुधार नहीं किया गया, और नियमों को नजरअंदाज किया गया, तो विकासखंड स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि पूर्व में इस संबंध में विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) को भी ज्ञापन दिया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई।