धमधा में धड़ल्ले से बिक रहा ‘बिना लाइसेंस’ का कड़वा पानी, सेहत से खिलवाड़ का हो रहा बड़ा खेल!

Thursday, Sep 25, 2025-12:08 PM (IST)

धमधा। (हेमंत पाल): एक तरफ सरकार स्वच्छ पेयजल अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित पानी मुहैया कराने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर धमधा क्षेत्र में बिना डायवर्शन और लाइसेंस के चल रही अवैध मिनरल वाटर फैक्ट्रियाँ इन दावों की पोल खोल रही हैं। गांव-गांव, ढाबों से लेकर दुकानों तक 'लोधी मिनरल वाटर जाताघरा' के नाम से ₹3 में बिक रहा यह पानी पाउच लोगों की प्यास तो बुझा रहा है, लेकिन सेहत को गंभीर खतरे में डाल रहा है।

कड़वा स्वाद, ना पैकिंग डेट, ना एक्सपायरी – फिर भी बिक रहा बेहिसाब

स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों से मिली जानकारी के अनुसार, इस पानी पाउच की न तो गुणवत्ता की जांच हुई है, और न ही बोतल पर पैकिंग या एक्सपायरी तारीख अंकित है। इतना ही नहीं, पानी का स्वाद बेहद कड़वा बताया जा रहा है, जो यह संकेत देता है कि यह कहीं न कहीं फिल्टरिंग या शुद्धिकरण की प्रक्रिया में भारी खामी है।

₹3 की पानी पाउच , शराबियों की पहली पसंद!

चौंकाने वाली बात यह भी है कि यह पानी पाउच अधिकांशतः शराब सेवन करने वालों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। दुकानदारों के मुताबिक, ये बोतलें शराब के साथ पानी मिलाने के लिए ली जाती हैं, क्योंकि यह सस्ती और आसानी से उपलब्ध है।

लाइसेंस और निगरानी पर बड़ा सवाल!

सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि इन अवैध फैक्ट्रियों को लाइसेंस किसने दिया? क्या इन यूनिट्स के पास खाद्य एवं औषधि विभाग (FSSAI) या जल संसाधन विभाग की कोई अनुमति या प्रमाण पत्र है? अगर नहीं, तो यह सीधा-सीधा प्रशासन की लापरवाही और स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता को दर्शाता है।

प्रशासन मौन, जिम्मेदार चुप!

धमधा क्षेत्र में ऐसे ही और भी कई 'पानी पाउच' यूनिट्स धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने अब तक ना तो इनकी जांच की है, ना ही कोई कार्रवाई। क्या यह सिर्फ अनदेखी है या फिर कहीं न कहीं संरक्षण का मामला भी जुड़ा है यह जांच का विषय है।

जनता की चिंता सस्ती चीज़ से बड़ी बीमारी!

ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग, खासकर निम्न आय वर्ग के नागरिक, ₹3 में मिलने वाले इस पानी  पाउच को ही अपनी प्यास बुझाने का साधन मान बैठे हैं। उन्हें यह अंदाज़ा भी नहीं कि यह पानी उनकी सेहत को कितनी बड़ी हानि पहुँचा सकता है  पेट संबंधी बीमारियाँ, पानी जनित संक्रमण, यहाँ तक कि लीवर और किडनी तक पर असर पड़ सकता है।


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Content Editor

Himansh sharma

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