डिजिटल अरेस्ट करने वाली गैंग को अकाउंट किराए पर देने वाले बदमाश क्राइम ब्रांच ने उत्तर प्रदेश से पकड़े
Saturday, Dec 07, 2024-07:11 PM (IST)
इंदौर। (सचिन बहरानी): डिजिटल युग में कई लोग धोखाधड़ी के शिकार भी लगातार हो रहे हैं। वहीं सबसे ज्यादा डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आ रहे हैं, इसी कड़ी में पिछले दिनों इंदौर में 11 सितंबर को शहर की एक वृद्ध महिला के साथ डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया था। जहां ठगों ने ऑफिसर बनकर महिला को अरेस्ट रखकर 65 लाख रुपए लूट लिए थे। इस मामले में उत्तरप्रदेश के कन्नौज जिले से संचालित होने वाले एक मदरसे की संलिप्तता पाई गई है, इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने मदरसा संचालक और उसके बेटे को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने मदरसे के नाम से एकाउंट खोलकर पचास प्रतिशत राशि के एवज में उपलब्ध कराया था। आपको बता दें यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के इंदौर का है जहां एक बुजुर्ग महिला को हाउस अरेस्ट किया गया था और डरा धमका कर 46 लाख रुपए ले लिए थे।
इस मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी दी की 11 सितंबर को इंदौर शहर की एक महिला को टेलीकॉम रेगुलेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ट्राई का अधिकारी फोन कर डिजिटल अरेस्ट किया गया था, जिसमें महिला के साथ नकली सीबीआई ऑफिसर और कस्टम विभाग के नकली अफसर ने बात कर महिला को कई घंटे तक घर में डिजिटल अरेस्ट करके रखा था। महिला को लूटने वाले ठगों ने महिला को उसके नाम से एक सिम खरीद कर आतंकवादी संगठनों को मनी लॉन्ड्रिंग का पैसा ट्रांसफर करने की जानकारी दी थी और उनके खाते से 46 लाख रुपए की राशि उड़ा ली थी। इस मामले में महिला द्वारा क्राइम ब्रांच इंदौर में शिकायत की गई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की और राशि ट्रांसफर होने के सोर्स तलाश किया जहां पुलिस को इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के ग्राम स्टोर से संचालित होने वाली फलाह फारेन मदरसा समिति की संलिप्तता मिली थी।
जिसके करंट एकाउंट मे महिला से लूटे गए 46 लाख रुपए मे से 40 लाख ट्रांसफर किए गए थे। जिसके बाद पुलिस का एक दल सतौरा पहुंचा और मदरसे के संचालकों से पूछताछ की जहां पता चला कि मदरसा समिति के प्रबंधक अली अहमद खान उम्र 69 साल और उसके बेटे असद अहमद खान उम्र 36 साल ने मदरसे का यह करेंट एकाउंट डिजिटल अरेस्ट करने वाले आरोपियों को किराए पर दिया था जिसके एवज में वे ठगों से कुछ प्रतिशत राशि वसूल करते थे। फिलहाल इस डिजिटल अरेस्ट को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। लेकिन पुलिस ने किराए पर खाते उपलब्ध कराने वाले आरोपियों के खाते सीज कर दिए हैं वहीं अभी तक इनके खातों में डेढ़ करोड़ रु का ट्रांजेक्शन मिला है जिसके माध्यम से आरोपियों द्वारा किए गए ट्रांजेक्शन से आरोपियों की लिंक जुटाई जा रही है, वहीं दोनों आरोपियों पिता पुत्र को कोर्ट में पेश कर रिमांड लिया गया है और पूछताछ जारी है।