किसान के खेत में आसमान से गिरी रहस्यमयी चीज, दहशत में ग्रामीण

Tuesday, Aug 19, 2025-08:06 PM (IST)

डोंगरगढ़ (पुष्पेंद्र सिंह): राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के ग्राम मुसरा में सोमवार को आसमान से अचानक एक रहस्यमयी मशीन गिरने से ग्रामीण दहशत में आ गए। धातु जैसी संरचना वाली इस मशीन पर अंग्रेजी में “Upper Weather Atmosphere, Meteorological Department” और “South Africa Manufacturing” लिखा हुआ पाया गया। रहस्यमयी लिखावट देखकर गांव में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। कोई इसे अंतरिक्ष यान का टुकड़ा बता रहा है तो कोई मौसम विभाग का उपकरण। ग्रामीणों ने बताया कि दोपहर में अचानक तेज धमाका हुआ और जब लोग मौके पर पहुंचे तो उन्हें लोहे जैसी बनी मशीन जमीन पर गिरी मिली, जिस पर “मौसम विभाग” और “साउथ अफ्रीका” जैसे शब्द साफ पढ़े जा रहे थे।

विशेषज्ञों की राय

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस तरह की वस्तुएं प्रायः Weather Balloon (मौसम गुब्बारा) या Atmospheric Sensor का हिस्सा होती हैं। ये उपकरण ऊपरी वायुमंडल में तापमान, हवा की गति, दाब और आर्द्रता जैसी जानकारियां मापने के लिए छोड़े जाते हैं। गुब्बारा फटने के बाद यह उपकरण नीचे गिर जाता है। “South Africa Manufacturing” की लिखावट से संकेत मिलता है कि यह किसी अंतरराष्ट्रीय रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा हो सकता है।

घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मशीन को अपने कब्जे में ले लिया है और उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी है। प्रशासन का कहना है कि विशेषज्ञों की जांच के बाद ही इसकी वास्तविकता स्पष्ट होगी।

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असलियत क्या है?

जानकारों का मानना है कि यह वस्तु दरअसल रेडियोसोंड (Radiosonde) है। यह बैटरी से चलने वाला छोटा वैज्ञानिक उपकरण होता है, जिसे हीलियम या हाइड्रोजन से भरे गुब्बारे के साथ छोड़ा जाता है। यह तापमान, आर्द्रता, वायुदाब और हवा की दिशा जैसी जानकारियां रिकॉर्ड करके रेडियो सिग्नल के जरिए धरती पर मौजूद मौसम केंद्रों तक पहुंचाता है। जैसे ही गुब्बारा ऊंचाई पर जाकर फटता है, यह यंत्र पैराशूट के सहारे या सीधे जमीन पर गिर जाता है। बाहर से देखने में अजीब लगने के कारण अक्सर ग्रामीण इसे लेकर घबरा जाते हैं, जबकि यह पूरी तरह हानिरहित होता है और केवल वैज्ञानिक उपयोग के लिए होता है।

पूर्व की घटनाएं

छतरपुर (मध्य प्रदेश, 2021): खेत में ऐसा ही यंत्र गिरा था, जिसे ग्रामीणों ने UFO समझा। बाद में पुष्टि हुई कि यह मौसम विभाग का रेडियोसोंड था।
बीदर (कर्नाटक, जनवरी 2025): जालासंगी गांव में गिरी रहस्यमयी मशीन को लोग पहले अंतरिक्ष यान समझ बैठे। बाद में वैज्ञानिकों ने बताया कि यह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च द्वारा छोड़ा गया मौसम अध्ययन उपकरण था।
उत्तर प्रदेश (2020 और 2022): कई गांवों में ऐसे उपकरण गिरने पर अफवाहें फैलीं, लेकिन बाद में प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ये मौसम विभाग के रिसर्च उपकरण थे।
यानी डोंगरगढ़ के मुसरा गांव में गिरी यह रहस्यमयी मशीन भी कोई खतरनाक वस्तु नहीं, बल्कि मौसम अध्ययन का साधन है, जो ग्रामीणों के लिए डर से ज्यादा जिज्ञासा का विषय है।


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Content Writer

meena

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