छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग का अजीब आदेश: प्राचार्यों को कुत्तों की निगरानी की ड्यूटी, शिक्षकों में बवाल

Sunday, Nov 23, 2025-03:17 PM (IST)

दुर्ग (हेमंत पाल): छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग का एक अजीबोगरीब आदेश सामने आने के बाद प्रदेश में शिक्षकों और राजनीतिक दलों में नाराज़गी तेज हो गई है। लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने एक आधिकारिक निर्देश जारी करते हुए सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों और हेडमास्टरों को स्कूल परिसर में घूमने वाले आवारा कुत्तों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंप दी है।

आदेश में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन कुत्तों की गतिविधियों पर नजर रखें और किसी भी खतरे की स्थिति में नगर निगम / नगर पंचायत / जनपद पंचायत के डॉग कैचर को तुरंत सूचना दें। शिक्षकों में भारी विरोध ‘हम शिक्षक हैं या डॉग कंट्रोल टीम?’ इस आदेश के जारी होते ही शिक्षा जगत में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

प्राचार्यों और हेडमास्टरों ने कहा कि, वे पहले से ही SIR, प्रशासनिक काम, शैक्षिक कार्यों और कई अतिरिक्त जिम्मेदारियों का बोझ उठा रहे हैं। अब उन पर ‘कुत्तों की निगरानी’ जैसी जिम्मेदारी डाल दी गई है। इससे स्कूलों में पढ़ाई और प्रशासनिक कार्य प्रभावित होंगे। एक हेडमास्टर ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि ‘क्या अब शिक्षक कुत्ते पकड़वाने का काम भी करेंगे? शिक्षा विभाग असल ज़रूरतों को छोड़कर अनावश्यक आदेशों में उलझ गया है।’

राजनीतिक घमासान- कांग्रेस का तंज
इस निर्देश को लेकर प्रदेश की राजनीति भी गर्म हो गई है। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा, कि ‘बीजेपी सरकार में अब स्कूल प्राचार्यों को श्वान प्रभार दे दिया गया है। शिक्षा सुधार तो नहीं हुआ, लेकिन शिक्षकों को कुत्तों की निगरानी में जरूर लगा दिया गया है।’

शिक्षा विभाग के आदेश पर बढ़ता विरोध
आदेश के बाद शिक्षकों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि वे इस मुद्दे पर जल्द ही एक सामूहिक आपत्ति दर्ज कराएंगे। इस विवादित आदेश ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था की प्राथमिकताओं को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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