कहीं सुनवाई नहीं हुई तो सिंधिया की कार के आगे लेट गई बुजुर्ग महिला, पुलिस ने तुरंत हटाया और देखते ही देखते गुजर गया काफिला
Saturday, Oct 11, 2025-07:31 PM (IST)
गुना (मिस्बाह नूर) : जवान बेटे को खुदकुशी के लिए मजबूर करने वाले आरोपियों को सजा दिलाने के लिए संघर्ष कर रही एक मजबूर और बेबस मां शनिवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफिले के सामने लेट गई। घटनाक्रम मध्य प्रदेश के गुना जिले का है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री और भाजपा से गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया तीन दिवसीय गुना और अशोकनगर जिलों के दौरे पर हैं।

शनिवार को सिंधिया अल्प अवधि के लिए गुना आए थे। उनका काफिला सर्किट हाऊस से रवाना हो रहा था। दरअसल वे गुना से लगभग 12 किलोमीटर दूर ग्राम ऊमरी जा रहे थे। तभी सर्किट हाऊस परिसर में बूढ़े बालाजी क्षेत्र में रहने वाली बुजुर्ग महिला अनुसुइया नामदेव पहले तो रुदन करते हुए अपनी पीड़ा सुनाने का प्रयास करती नजर आई। उसे लगा कि उसकी सुनवाई नहीं हो रही है और सिंधिया रुक नहीं रहे तो अनुसुइया केंद्रीय मंत्री की गाड़ी के सामने लेट गई। उनके साथ काफी संख्या में ग्रामीण भी थे। दरअसल सिंधिया का ऊमरी से लौटकर जनसमस्या सुनने का कार्यक्रम था। ऐसे में सुरक्षाकर्मियों ने महिला को गाड़ी के सामने से हटाया और समझाया कि ऊमरी से लौटकर सिंधिया जनता की समस्या सुनेंगे।

सिंधिया के काफिले के सामने लेटकर न्याय मांगने का प्रयास कर रही अनुसुइया नामदेव के बेटे गोलू नामदेव ने 22 सितंबर को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। गोलू नामदेव ने मौत से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था। गोलू ने लिखा था कि उसकी पत्नी और उसके 3-4 साथी उसे प्रताड़ित कर रहे हैं। गोलू ऑटो चलाकर जीवन यापन करता था, लेकिन पत्नी के कहने पर उसने ऑटो भी बेच दिया था। गोलू की पत्नी अपने बच्चों को लेकर किराए के मकान में रहने के लिए चली गई थी। जिसके बाद गोलू परेशान हो गया था और उसने आत्महत्या कर ली। तब से गोलू की मां सुसाइड नोट में दर्ज अपनी बहू और उसके साथियों के खिलाफ केस दर्ज करवाने की मांग को लेकर कभी कलेक्ट्रेट तो कभी एसपी ऑफिस तो कभी थाने के चक्कर काट रही है।

